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हाइलाइट्स

  • चंद्रा ब्रदर्स केस में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था जांच का आदेश
  • जांच करने खुद ही तिहाड़ जेल पहुंच गए राकेश अस्‍थाना
  • तिहाड़ जेल के इतिहास में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था
  • प्रशासन से मांगी गई थी चंद्रा ब्रदर्स वाले सेल की डीटेल्‍स

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट द्वारा चंद्रा बंधु मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर को जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद मामले की जांच के लिए खुद दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना तिहाड़ जेल पहुंचे। वह ना केवल तिहाड़ जेल के हेडक्वॉर्टर पहुंचे, बल्कि तिहाड़ की उस जेल नंबर-7 का भी मौका मुआयना किया। जिसमें चंद्रा बंधु बंद थे। इस दौरान उन्होंने मामले से संबंधित तमाम जानकारी ली।

किसी को पता नहीं था आने वाले हैं
किसी केस की जांच के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर का खुद तिहाड़ जेल में जाने अपनी तरह का पहला मौका था। इससे पहले जेल के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद चंद्रा बंधु को मुंबई की आर्थर रोड जेल और महाराष्ट्र की तलोगा जेल में शिफ्ट किया जा चुका है। सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कमिश्नर अस्थाना ने तिहाड़ जेल का दौरा इसी सप्ताह कुछ दिन पहले किया था। केस की जांच करने के लिए वह किसी बड़े लाव-लश्कर के साथ नहीं आए थे। बल्कि इस बात की अधिकतर लोगों को भनक भी नहीं थी कि जेल में पुलिस कमिश्नर आने वाले हैं। जैसे ही वह जेल पहुंचे, जेल के तमाम अधिकारी भी सकते में आ गए कि कमिश्नर खुद केस की जांच करने आए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, पहले वह तिहाड़ जेल हेडक्वॉर्टर पहुंचे। जहां तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल से मिलने के बाद वह सीधे जेल नंबर-7 में पहुंचे। बताया जाता है कि जेल में जाकर उन्होंने उस सेल का मौका मुआयना किया। जिस सेल में महाराष्ट्र की जेल में शिफ्ट किए जाने से पहले चंद्रा बंधु बंद थे। यहां जांच के बारे में तमाम संबंधित अधिकारियों और अन्य लोगों से बात की। काफी देर तक उन्होंने जेल में जांच की।

जेल से मांगी गई थी विस्‍तृत रिपोर्ट
इससे पहले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन से चंद्रा बंधु वाले सेल की एक साल की डिटेल रिपोर्ट मांगी गई थी। इसमें पूछा गया था कि इस दौरान चंद्रा बंधु के सेल में किस-किस की ड्यूटी रही। इनकी जेल के कौन-कौन सुपरिटेंडेंट, डिप्टी सुपरिटेंडेंट और असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट रहे। वॉर्डर और हेड वॉर्डर की भी डिटेल मांगी गई थी। इसके अलावा तमाम सीसीटीवी फुटेज भी चेक किए गए।

साथ ही पहले दौर में जेल प्रशासन को पहचान करने के बाद 14 जेल स्टाफ की लिस्ट दी गई थी। जिन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इनमें दो असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट, 8 हेड वॉर्डर, तीन वॉर्डर और एक विडियो कॉन्फ्रेंसिंग (डाटा एंट्री ऑपरेटर) का काम देखने वाला स्टाफ शामिल था। इनमें से 6 जेल नंबर-7 में, तीन जेल नंबर-1, एक जेल नंबर-4, एक रोहिणी जेल और बाकी तीन मंडोली जेल नंबर-11, 12 और 14 में तैनात थे। इन सभी को यूनिटेक मामले में शुरू की गई जांच के लिए बुलाया गया था।



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