सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना से जुड़ी मौत के मामले में डेथ सर्टिफिकेट जारी करने को लेकर गाइडलाइंस जारी हो गई है। इसे आईसीएमआर और हेल्थ मिनिस्ट्री ने जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने कहा है कि रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने 3 सितंबर को सर्कुलर जारी किया है और कहा है कि मृतक के परिजनों को मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया जाए और मौत का कारण लिखा जाए।
सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि 30 जून के शीर्ष अदालत के जजमेंट के आधार पर गाइडलाइंस और सर्कुलर जारी किया गया है। गाइडलाइंस में कहा गया है कि कोविड की पुष्टि होने के बाद अगर अस्पताल से छुट्टी भी हो जाए तो भी टेस्ट के 30 दिनों के भीतर अस्पताल से बाहर मौत होने पर कोविड डेथ माना जाएगा।
गाइडलाइंस के मुताबिक आरटीपीसीआर टेस्ट या एंटीजन टेस्ट या फिर क्लिनिकल तरीके से छानबीन में कोविड का पता चलता है तो कोविड माना जाएगा। लेकिन साथ ही कहा गया है कि अगर मौत का कारण जहर, आत्महत्या या एक्सिडेंट से हुआ हो तो उसे कोविड से मौत नहीं माना जाएगा चाहे कोविड टेस्ट में पुष्टि हुई भी हो।
आईसीएएमआर की स्टडी में पाया गया है कि 95 फीसदी मौत कोविड टेस्ट पॉजिटिव आने के 25 दिनों के भीतर ही हुआ है। साथ ही कहा गया है कि कोविड टेस्ट पॉजिटिव होने या फिर क्लिनिकल तरीके से यह पता चले कि कोविड हुआ था और 30 दिन के दौरान मौत हो जाए तो मामले में मौत की वजह कोविड ही लिखी जाएगी। चाहे मौत अस्पताल से बाहर ही क्यों न हुई हो। साथ ही गाइडलाइंस में कहा गया है कि किसी मरीज को कोविड हुआ हो और वह लगातार अस्पताल में है और 30 दिनों से ज्यादा भी हुआ हो तो भी मौत होने पर कोविड डेथ ही माना जाएगा।
कोविड से मौत के मामले में जारी होने वाले सर्टिफिकेट को आसान बनाने के लिए गाइडलाइंस तैयार कर उसकी अमल रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने 11 सितंबर को पेश करने का निर्देश दिया गया था। इससे पहले पिछली सुनवाई पर सॉलिसिटर जनरल ने इस गाइडलाइंस को पूरा करने के लिए एक हफ्ते का और वक्त मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि आदेश काफी पहले का है और पहले भी वक्त दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि शीर्ष अदालत ने इस मामले में 30 जून को जो आदेश दिया था उस पर अमल संबंधित रिपोर्ट अगले हफ्ते 11 सितंबर को कोर्ट के सामने पेश किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता वकील गौरव बंसल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को आदेश पारित किया था और केंद्र सरकार को इस आदेश का आदर करना चाहिए और उस पर अमल करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया था कि कोविड से मौत के मामले में डेथ सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया आसान बनाए और इसके लिए गाइडलाइंस जारी करे। साथ ही आदेश दिया था कि कोविड से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए छह हफ्ते के भीतर एनडीएमए (नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) गाइडलाइंस तैयार करे।