हाइलाइट्स
- भारत में कोरोना संक्रमण अब एनडेमिक स्टेज में पहुंच गया है
- सालभर आते रहेंगे कोरोना के केस, वायरस के साथ जीना सीखना होगा
- अब कई साल कोरोना के मामले आएंगे, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं होंगे
देश में कोरोना अब एनडेमिक स्थिति में पहुंच गया है। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. सौम्या स्वामीनाथन के बाद देश के भी एक्सपर्ट मान रहे हैं कि कोरोना का फैलाव स्थानीय हो गया है। अब यह कई साल तक आता रहेगा। पूरे साल कुछ न कुछ मामले आते रहेंगे, इसलिए लोगों को वायरस के साथ जीना सीखना होगा।
वायरस के साथ जीना सीखना होगा
एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर एमसी मिश्रा ने कहा कि एंडेमिक का मतलब यह है कि वायरस के विस्तार या संक्रमण की स्पीड अब लोकल यानी स्थानीय हो गई है। कोरोना वायरस अब लंबे समय तक यहां रहेगा, हो सकता है कि कई साल ऐसा ही रहे। कभी यह संक्रमण दर ऊपर जाएगी, तो कभी नीचे, लेकिन मामले आते रहेंगे, इसलिए हमें इसके साथ जीना होगा।
सफदरजंग के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉक्टर जुगल किशोर ने भी कहा कि जो आंकड़ा आ रहा है, उससे इस बात को बल मिल रहा है कि देश में कोरोना एनडेमिक की ओर बढ़ रहा है। अब कई साल कोरोना के मामले आएंगे, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि सीरो सर्वे की रिपोर्ट और वैक्सीनेशन जिस तेजी से हो रही है, उससे यही लग रहा है कि कोरोना अब कम हो रहा है।
डॉक्टर मिश्रा ने कहा कि जुलाई में संक्रमण दर 1 फीसदी थी, जो अगस्त में 0.9 पर्सेंट पर आ गई है। कुछ राज्यों के कुछ खास इलाके में लोकल स्तर पर नए मामले आ रहे हैं। दिल्ली की बात करें तो नई दिल्ली और साउथ वेस्ट दिल्ली में अभी संक्रमण थोड़ा रहेगा, क्योंकि यहां पिछली लहर में संक्रमण कम था। नॉर्थ-वेस्ट व स्लम एरिया में अब संक्रमण कम है, क्योंकि वहां पर पहले ही संक्रमण दर ज्यादा थी। सीरो सर्वे में भी इन इलाकों में पॉजिटिविटी रेट बहुत ज्यादा पाया गया था।
‘अक्टूबर-नवंबर का इंतजार करना चाहिए’
आईएलबीएस की वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर एकता गुप्ता का कहना है कि एनडेमिक की तरफ हम जा रहे हैं। दिल्ली की बात करें तो अक्टूबर-नवंबर का इंतजार करना चाहिए। दिल्ली में मौसम की वजह से साल में दो बार सर्दी-जुकाम व फ्लू के सीजन आते हैं। एक जुलाई-अगस्त में और दूसरा अक्टूबर-नवंबर में। पहले जुलाई व अगस्त में नई पीक की बात हो रही थी। अब अक्टूबर की बात हो रही है। वायरस जब एनडेमिक हो जाएगा तो यह भी आम इन्फ्लूएंजा की तरह साधारण हो जाएगा। वातावरण में रहेगा, लेकिन नॉर्मल सर्दी-जुकाम की तरह बिहेव करेगा। अगर अक्टूबर-नवंबर बीत गया, तो हम यह मजबूती के साथ कह पाएंगे कि देश में कोरोना एनडेमिक स्थिति में पहुंच गया है।
क्या है एनडेमिक और पैनडेमिक?
एनडेमिक का मतलब वायरस का फैलाव स्थानीय होना है, यानी इलाके में वायरस धीरे-धीरे फैलता रहेगा, जबकि पैनडेमिक वह स्टेज होती है, जब आबादी का बड़ा हिस्सा वायरस की चपेट में आ जाता है।