हाइलाइट्स
- कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने किया एलान, मांग पर होगी चर्चा
- जी-23 के नेता मुखर, पार्टी में कर रहे हैं बदलाव की मांग
- सिब्बल के विरोधी सुर के बाद धड़ों में बंटी दिख रही कांग्रेस
जी-23 नेताओं के चौतरफा हमले से कांग्रेस आलाकमान लगता है कि दबाव में आ गया है। उसने कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक जल्द बुलाने का ऐलान किया है। जी-23 नेता पार्टी में संगठनात्मक चुनाव की मांग कर रहे हैं।
पिछले साल अगस्त के पहले हफ्ते में ही कांग्रेस के 23 सीनियर नेताओं ने पार्टी की कार्यशैली, संस्कृति व हाइकमान को लेकर सवाल उठाते हुए एक चिठ्ठी लिखी थी। इन नेताओं में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपेंद्र हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण, शशि थरूर सरीखे दिग्गज नेता शामिल थे। सियासी गलियारे में इन्हें ही जी-23 कहा जाता है।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जी-23 नेता पार्टी में संगठनात्मक चुनाव की मांग कर रहे हैं। इस मांग को देखते हुए कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक जल्द बुलाई जाएगी।
तीखा हो गया है जी-23 का हमला
कांग्रेस की ओर से यह ऐलान ऐसे समय किया गया है जब बुधवार को कपिल सिब्बल ने पार्टी आलाकमान पर तीखा हमला किया था। मीडिया के सामने जी-23 के नेताओं का एजेंडा रखा था। उन्होंने कहा था, ‘मैं निजी तौर पर बात कर रहा रहा हूं। उन साथियों की तरफ से बोल रहा हूं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में पत्र लिखा था। हम अपने नेतृत्व की ओर से अध्यक्ष का चुनाव, सीडब्ल्यूसी और केंद्रीय चुनाव समिति के चुनाव कराने से जुड़े कदम उठाए जाने का इंतजार कर रहे हैं।’
सिब्बल बोले थे, ‘मैं भारी मन से आप लोगों से बात कर रहा हूं। मैं एक ऐसी पार्टी से जुड़ा हूं जिसकी ऐतिहासिक विरासत है और जिसने देश को आजादी दिलाई। मैं अपनी पार्टी को उस स्थिति में नहीं देख सकता जिस स्थिति में पार्टी आज है।’
सिब्बल के इस बयान के बाद कांग्रेसियों ने ही उन पर तीखा हमला किया था। उनके घर के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ था। टमाटर तक फेंके गए और ‘गेट वेल सून कपिल सिब्बल’ की तख्तियां दिखाई गईं।
वहीं, गुरुवार को सीन दोबारा चेंज हुआ। सिब्बल के पक्ष में जी-23 के तमाम दिग्गज नेता उतर आए। उन्होंने खुलकर सिब्बल का पक्ष लिया। इनमें शशि थरूर, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी जैसे नेता शामिल थे।
कांग्रेस टूटने का डर!
कांग्रेस आलाकमान का दबाव में आना यूं ही नहीं है। इसमें डर छुपा है। वह है पार्टी टूटने का। जी-23 के विरोधी सुर से साफ दिखने लगा है कि पार्टी दो धड़ों में बंट गई है। एक जो गांधी परिवार के समर्थन में हैं। दूसरा, जो पार्टी में सुधार की मांग पर अड़ गया है। बुधवार को अश्विनी कुमार, अजय माकन, टीएस सिंहदेव सहित कई नेताओं ने सिब्बल पर अटैक किया था। उन्हें गांधी परिवार के एहसान याद दिलाए थे।