कांग्रेस ने केंद्र के नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) प्रोग्राम के खिलाफ बड़ी मुहिम चलाने का प्लान बनाया है। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने इसे ‘मुद्दा’ बनाने का फैसला किया है। इसे लेकर पार्टी के नेता देशभर में मीडिया से मुखातिब होंगे। कई प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इस मुद्दे को जमीनी स्तर पर उठाने की योजना बनाई जा रही है।
सुरजेवाला ने कहा, ‘इस प्रोग्राम का मकसद पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाना है। मोदी जी अपने दोस्तों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। देश की संपत्ति अब सुरक्षित हाथों में नहीं है।’ सुरजेवाला ने यह भी आरोप लगाया कि इकनॉमिक ग्रोथ में गिरावट के बीच बदहाल आम लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने के लिए प्रधानमंत्री उनकी जेब से मेहनत की कमाई निकाल रहे हैं और अपना खजाना भर रहे हैं।
कांग्रेस के प्रवक्ता ने आरोप लगाया, ‘पीएम ने अब देश की छह लाख करोड़ रुपये की मूल्यवान संपत्ति बेचने का फैसला किया है। इसमें सड़क, रेल, खदान, दूरसंचार, बिजली, गैस, हवाई अड्डे, बंदरगाह, खेल स्टेडियम और कई चीजें शामिल हैं।’
किसे कहां मिली है जिम्मेदारी?
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे को आम लोगों तक ले जाने की राष्ट्रव्यापी योजना के तहत कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक 31 अगस्त को असम के गुवाहाटी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे एक सितंबर को हैदराबाद में मीडिया को संबोधित करेंगे। संवाददाता सम्मेलन का सिलसिला इस हफ्ते की शुरुआत में राहुल गांधी की ओर से दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता के साथ शुरू हुआ।
वासनिक के अलावा पार्टी के सीनियर नेता शशि थरूर को भी इस मुहिम में शामिल किया गया है। वह कश्मीर में मीडिया को संबोधित करेंगे। सचिन पायलट बेंगलुरु में मीडिया को संबोधित करेंगे। वहीं, मिलिंद देवड़ा कोचिन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम तीन सितंबर को मुंबई में जबकि अजय माकन उसी दिन रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। लखनऊ में भूपेश बघेल और पटना में दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के कई अन्य नेता मीडिया को संबोधित करेंगे।
क्या है NMP प्रोग्राम?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते सोमवार को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) प्रोग्राम का ऐलान किया था। इसके तहत सरकार की रेलवे, बिजली से लेकर सड़क जैसे अलग-अलग इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट को बेचकर पैसा जुटाने की तैयारी है। इसके तहत छह लाख करोड़ रुपये के एसेट्स की बिक्री की जाएगी। यह बिक्री 4 साल में होगी। वित्त मंत्री ने बताया है कि एसेट्स के मोनेटाइजेशन (संपत्तियां बेचकर पैसा जुटाना) में जमीन की बिक्री शामिल नहीं है। यह मौजूदा संपत्तियों (ब्राउनफील्ड एसेट्स) की बिक्री से जुड़ा प्रोग्राम है।