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नई दिल्ली
भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एन.वी. रमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से हाल में हाई कोर्टों में न्यायाधीशों के लिए अनुशंसित 106 नामों में से सात को मंजूरी दी है। हाई कोर्टों के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए अनुशंसित नौ नामों में से एक को मंजूरी दी गई है। यहां एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में केंद्र से ‘सहयोग और समर्थन’ का आह्वान करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि कानून मंत्री किरेन रिजीजू से उन्हें नामों की शीघ्र मंजूरी का आश्वासन मिला है।

प्रधान न्यायाधीश ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘सरकार ने उनमें से कुछ (न्यायाधीश पद के नामों) को मंजूरी दे दी है। माननीय कानून मंत्री ने आश्वासन दिया है कि बाकी चीजें एक या दो दिनों में हो जाएंगी। मैं इन रिक्तियों को भरने और लोगों की न्याय तक पहुंच सुलभ करने के लिए सरकार को धन्यवाद देता हूं।’

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शीर्ष अदालत में 17 अगस्त को एक बार में अभूतपूर्व रूप से न्यायाधीश पद पर नियुक्ति के लिए नौ नामों की सिफारिश करने के अलावा न्यायमूर्ति रमण विभिन्न हाई कोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों के तौर पर नियुक्ति के लिए नौ नामों और उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों के खाली पदों को भरने के लिए 106 नामों की सिफारिश कर रिक्तियों को भरने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। सर्वोच्च अदालत में कॉलेजियम की ओर से नियुक्ति के लिए भेजे गए नामों को केंद्र ने तेजी से मंजूरी दे दी थी।

उन्होंने कहा, ‘मेरे साथी न्यायाधीशों और मैंने वादियों को तेजी से न्याय दिलाने में सक्षम बनाने का प्रयास किया है। मैं यह बताना चाहता हूं कि मई के बाद से मेरी टीम ने अब तक विभिन्न उच्च न्यायालयों में 106 न्यायाधीशों और नौ नए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की है।’

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न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘सरकार ने अब तक न्यायाधीश पद के लिए अनुशंसित 106 में से सात और मुख्य न्यायाधीशों के लिए अनुशंसित नौ में से एक नाम को मंजूरी दी है। मुझे उम्मीद है कि सरकार बाकी नामों को जल्द ही मंजूरी देगी। इन नियुक्तियों से कुछ हद तक लंबित पड़े मामलों पर भी ध्यान दिया जाएगा। मैं न्याय तक पहुंच और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार से सहयोग और समर्थन चाहता हूं।’

राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण के छह सप्ताह तक चलने वाले ‘अखिल भारतीय कानूनी जागरूकता एवं संपर्क अभियान’ की शुरुआत के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश ने यह बात कही। इस अभियान का उद्घाटन महात्मा गांधी की जयंती पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया।



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