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हाइलाइट्स

  • जातीय जनगणना पर विपक्ष को मिल गई पहली जीत?
  • जाति की सियासत में कौन होम करे हाथ?
  • मोदी ने चला नीतीश-तेजस्वी के सामने तुरुप का इक्का!
  • केंद्र की सियासत- तुम्हारी भी जय-जय और हमारी भी जय-जय


पटना

क्या जातीय जनगणना को लेकर विपक्ष को पहली जीत मिल गई है? क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष की बातों से सहमत होते दिख रहे हैे? ऐसे कई सवाल हैं जो आज बिहार के विपक्षी दलों के पीएम मोदी से मुलाकात के बाद उठे हैं। दरअसल सभी दलों का दावा है कि पीएम मोदी भी उनकी राय से सहमत होते दिख रहे हैं। लेकिन क्या सच यही है?

जाति की सियासत में कौन होम करे हाथ?
आपने बिल्कुल ठीक समझा, बिहार में जब भी जाति की बात होती है तो गूंज दिल्ली तक जाती है। 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में मोहन भागवत के आरक्षण पर कथित बयान को लालू ने ऐसा भुनाया था कि बिहार में बीजेपी का सूपड़ा साफ होते-होते बचा था। आंच ऐसी थी कि दिल्ली दरबार तक पहुंच गई। जाहिर है कि बीजेपी ने इस चुनाव से काफी सबक लिया। वो कतई ये नहीं चाहेगी कि ‘जात की बात’ में उसकी तरफ से फिर वही गलती हो।
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क्या पीएम मोदी ने दिखा दी दूरदर्शिता?
अगर विपक्षी कांग्रेस और RJD समेत बाकी दलों की मानें तो पीएम मोदी भी जातीय जनगणना को लेकर उनसे इत्तेफाक रखते हैं। ये सबकुछ यूं ही नहीं है, बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में बहुमत के साथ काबिज हैं। लेकिन उन्हें ये बखूबी पता है कि राज्यों के साथी की बात को अनदेखा करना, या फिर वैसे मुद्दे जिस पर क्षेत्रीय विपक्ष की भी एक राय हो, नुकसान दे सकता है। ऐसे में जाहिर है कि केंद्र ने भी अपने पत्ते फेंट रखे थे और बातचीत के दिन मेज पर अपना तुरुप का इक्का चल दिया। यानि तुम्हारी भी जय-जय और हमारी भी जय-जय। मतलब विपक्ष की राय से परहेज नहीं और साथी की बात की भी इज्जत बरकरार।

जातीय जनगणना पर मोदी के साथ बैठक
जातीय जनगणना की मांग को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में 10 पार्टियों के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी से इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा। मुलाकात के बाद आरजेडी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की 10 पार्टियां मिलकर ऐतिहासिक काम करवाना चाहती हैं। हमने पीएम के सामने सारी बातें रखी हैं। जाति आधारित जनगणना होने से देश के गरीब और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को इसका लाभ मिलेगा।

‘जब जानवरों, पेड़-पौधों की गिनती होती है तो इंसानों की गिनती में क्या दिक्कत है’
तेजस्वी यादव ने कहा कि मंडल कमीशन से पहले ये पता ही नहीं था कि देश में कितनी जातियां हैं। जब जानवरों, पेड़-पौधों की गिनती होती है तो इंसानों की गिनती करने में क्या दिक्कत है। धर्म के आधार पर भी काउंटिंग होती है। हम ये जानना चाहते हैं आखिर जाति आधारित जनगणना क्यों नहीं होनी चाहिए? जब आपके पास कोई साइंटिफिक आंकड़ा ही नहीं है तो आप कल्याणकारी योजना लागू ही नहीं कर सकते। सरकार के पास अभी तो कोई स्पष्ट रेकॉर्ड ही नहीं है। ऐसा कोई रेकॉर्ड नहीं है कि समाज में कौन भीख मांगता है, कौन भूमिहीन है।

तेजस्वी ने बताया क्यों जरूरी जरूरी है जातीय जनगणना
तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को अधिकार दिया है कि वह जिसको चाहें उस जाति को ओबीसी में डाल सकते हैं। लेकिन इसका सटीक कार्यान्वयन कैसे होगा, जब जाति आधारित आंकड़े होंगे ही नहीं तो यह कैसे संभव है। पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी राज्य के सभी दल, जिसमें बीजेपी भी शामिल है। बिहार विधानसभा में दो बार विधेयक लाकर सर्वसम्मति से पारित किया है। मनमोहन सिंह की सरकार में जातीय और शैक्षणिक जनगणना हुई थी, लेकिन उसके रेकॉर्ड जारी नहीं किए गए थे। उस वक्त हमसे कहा गया कि डेटा करप्ट हो गया है।

तेजस्वी बोले- पीएम ने जो समय दिया उसके लिए धन्यवाद
तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘जब जातीय जनगणना से समाज में उन्माद फैलेगा तो धर्म की गिनती भी नहीं होनी चाहिए। अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ है कि जनगणना से समाज में विवाद हुआ हो। जहां तक खर्चे की बात है तो जब एससी और एसटी की गिनती की जाती है तो उसमें केवल एक कॉलम ही तो जोड़ना है। जब जानवरों, पेड़ पौधों की गिनती के लिए खर्चा हो रहा है तो जाति में क्या दिक्कत है। पीएम ने जो समय दिया है उसके लिए धन्यवाद है। सीएम नीतीश जी को भी धन्यवाद कि उन्होंने हमारी मांग को मांगते हुए पीएम से मिलने के लिए समय लिया। हमें बस निर्णय का इंतजार है। हमारा प्रतिनिधि मंडल केवल बिहार के लिए नहीं बल्कि पूरे देश में जातीय जनगणना की मांग की है। विपक्ष नेशनल इंट्रेस्ट में हमेशा सरकार का सहयोग करती रही है।’

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सीएम नीतीश बोले- पीएम मोदी ने हमारी बात ध्यान से सुनी है
साउथ ब्लॉक में मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि ‘हमने जातीय जनगणना पर अपनी बात पीएम के सामने रखी। उन्होंने हमारी बात पूरे तौर पर ध्यान से सुनी है। हमें उम्मीद है कि इस पर विचार करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने कहा कि इस बारे में फैसला लीजिए तो मुलाकात में प्रधानमंत्री ने किसी भी बात से इनकार नहीं किया है। बिहार की जाति आधारित जनगणना पर सभी पार्टियां एकमत हैं। हमने पीएम मोदी को बताया कि कैसे बिहार विधानसभा में जातीय जनगणना पर 2019 और 2020 में पास हुआ। अभी सरकार के एक मंत्री ने बयान दे दिया था कि जातीय आधारित जनगणना नहीं हो पाएगी। उसी को लेकर लोगों के मन में बेचैनी शुरू हो गई थी यह बात हमने पीएम के सामने रखी। बिहार में नेता विरोधी दल के नेता भी साथ में रहे। उन्होंने ही पीएम से मिलने की सलाह दी थी।ति के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी है। हमने प्रधानमंत्री के सामने रूपरेखा रखी।’
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बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने क्या कहा…
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब सत्ता पक्ष और विपक्ष एकजुट है। जब कभी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय मुद्दे की बात होती है तब पक्ष-विपक्ष साथ होता रहा है। इस डेलीगेशन में बीजेपी के लोग भी हैं। हमने पीएम के सामने कहा कि एससी-एसटी की जनसंख्या बढ़ी है। गरीबों की जनसंख्या ज्यादा बढ़ती है इसमें कोई हैरत की बात नहीं है। इसलिए जब तक जनगणना नहीं होगी तब तक आरक्षण का सही बंटवारा नहीं हो पाएगा। हमने पीएम से कहा कि आप जातीय जनगणना करवाइए आपका नाम होगा। पीएम मोदी ने बेहद गंभीरता से हमाारी बातों को सुना है। जल्दी ही इसपर निर्णय होगा।

कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने कहा- मुझे लगता है पीएम हमारे पक्ष में निर्णय लेंगे
कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी ने हमारी बातों को ध्यान से सुना है, इसलिए मुझे लगता है कि वह हमारे पक्ष में निर्णय लेंगे। वीआईपी प्रमुख और बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि वह जल्द ही जातीय आधारित जनगणना पर फैसला लेंगे।

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