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नई दिल्‍ली
बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने महिलाओं के सशक्‍तीकरण की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। पहली बार उसने उत्‍तराखंड में अपनी 75 रोड कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी (RCC) के कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर महिला आर्मी ऑफिसर की नियुक्ति की है। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी।

मेजर आईना के नेतृत्‍व में तीन कमांडरों की पलटन में कैप्‍टन अंजना, एईई (Civ) भावना जोशी और एईई (Civ) विष्‍णुमाया पहली महिला आरसीसी बनी हैं। ये नियुक्तियां 30 अगस्‍त को हुई थीं।

रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में बीआरओ ने बड़ी संख्‍या में महिलाओं की नियुक्ति की है। इनकी नियुक्ति ऑफिसर से लेकर कमर्शियल पायलट लाइसेंस होल्‍डर तक के लेवल पर हुई है।

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30 अगस्‍त को बीआरओ ने दोबारा इतिहास रचा जब प्रोजेक्‍ट शिवालिक की मेजर आईना ने ऑफिसर कमांडिंग के तौर पर 75 रोड कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी (RCC) का चार्ज लिया। उत्‍तरांखड में चमोली जिले के पीपलकोटि में उन्‍होंने कंपनी का प्रभार हाथ में लिया। वह रोड कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी की कमान संभालने वाली पहली भारतीय आर्मी इंजीनियर ऑफिसर हैं।

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यही नहीं आईना की अगुवाई वाली टीम में अन्‍य तीनों ऑफिसर भी महिलाएं हैं। इनमें कैप्‍टन अंजना, एईई (Civ) भावना जोशी और एईई (Civ) विष्‍णुमाया शामिल हैं। इन्‍होंने मिलकर पहली महिला आरसीसी होने की उपलब्धि अपने नाम दर्ज की है। बॉर्डर रोड्स ने ऐसी 4 आरसीसी बनाने का फैसला किया है जिनकी कमान महिलाओं के हाथ में होगी। इनमें दो पूर्वोत्‍तर और दो पश्चिमी सेक्‍टर में काम करेंगी।

बयान में कहा गया कि भारत स्‍वतंत्रता दिवस के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्‍सव मना रहा है। महिला सशक्‍तीकरण पर भी खास फोकस है। आज देश की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कर रही हैं। राष्‍ट्र निर्माण में उनकी भूमिका बेहद अहम है। पिछले छह दशकों में धीरे-धीरे बीआरओ ने रोड कंस्‍ट्रक्‍शन को लेकर विभिन्‍न पदों के लिए महिलाओं की नियुक्ति बढ़ाई है।

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