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हाइलाइट्स

  • विचित्र बीमारी से जूझ रहे मासूम अयांश मामले में नया मोड़
  • रांची में जेल भेजे गए पटना के अयांश के पिता आलोक सिंह
  • 10 साल पहले पंडरा थाने में दर्ज हुआ था जालसाजी का मामला
  • अयांश को स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी नाम की दुर्लभ बीमारी

पटना/रांची
मासूम अयांश की जिंदगी में नया मोड़ आ गया है। उसके पिता आलोक सिंह को जेल भेज दिया गया। बच्चे को स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy) नाम की दुर्लभ बीमारी है। 16 करोड़ की सूई के लिए आलोक सिंह फंड जुटाने में लगे हुए थे।

अयांश के पिता आलोक सिंह भेजे गए जेल
बेटे की जान बचाने के लिए क्राउड फंडिग से रुपए जुटा रहे अयांश के पिता आलोक सिंह जेल भेज दिए गए। उन पर 10 साल पहले जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया गया था। उस मामले में रांची के कोर्ट में सरेंडर करने के बाद जेल भेज दिया गया। गलत तरीके और झूठी जानकारी देकर बच्चों का मर्चेंट नेवी के कॉलेज में दाखिला दिलाने का आरोप है।

2011 में दर्ज हुआ था जासलाजी का केस
आलोक के खिलाफ रांची के पंडरा थाने में 2011 में जालसाजी का केस दर्ज हुआ था। करीब 10 साल बाद मामला सामने आया है। इसके बाद आलोक ने रांची जाकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पटना स्थित घर पर बीमार अयांश समेत दो बच्चों के साथ पत्नी नेहा सिंह अकेले पड़ गईं हैं।

जबतक बेटे को इंजेक्शन नहीं, तबतक जमानत नहीं
मीडिया से बातचीत में आलोक सिंह ने कहा कि जब तक अयांश को इंजेक्शन नहीं लग जाता, तबतक वो जमानत याचिका दायर नहीं करेंगे। आलोक ने कहा कि कुछ लोग सवाल खड़े कर रहे हैं कि बेटे की बीमारी का बहाना बनाकर मोटी रकम का जुगाड़ कर रहा हूं। इसके बाद देश छोड़ा दूंगा। लोग कह रहे हैं कि बेटे की झूठी बीमारी का बहाना कर रहा हूं। अब लोगों को विश्वास हो सके कि मैं जेल में हूं।

फंड जुटाने की मुहिम पर पड़ रहा असर
पूरे मामले पर आलोक की पत्नी नेहा सिंह ने मीडिया को बताया कि उन्हें आलोक के रांची वाले केस की जानकारी नहीं थी। पति के जेल जाने से बीमार बेटे के लिए जन अभियान की रफ्तार कमजोर पड़ गई है। राज्य के साथ-साथ देश-विदेश से कम मदद मिल रहे हैं। लोग अब उनके पति के बारे में आपत्तिजनक बातें भी करने लगे हैं। इसका कुप्रभाव उनके बीमार बच्चे के इलाज के लिए जुटाए जा रहे मुहिम पर पड़ सकता है। उन्होंने अपील किया कि पहली प्राथमिकता अयांश को बचाने की होनी चाहिए।

16 करोड़ की सूई बचाएगी अयांश की जान
अयांश को स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी (SMA) नाम की दुर्लभ बीमारी है। डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे बच्चे सिर्फ 18 महीने से 2 साल तक जिंदा रहते हैं। इस बीमारी में मरीज का मांस धीरे धीरे जलने लगता है। जिस सूई (ZOLGENSMA) से बच्चे का इलाज संभव है उसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है। पिछले कुछ दिनों से बेटे के लिए आलोक पैसे जुटाने की मुहिम में लगे थे। उसका फायदा भी दिख रहा था। अबतक 6 करोड़ 85 लाख रुपए जमा भी हो गए हैं। आलोक के जेल जाने के बाद उस मुहिम को झटका लगता दिखाई दे रहा है।

ayansh



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