भारत बंद: आज की बात समझिए
किसान संगठन लंबे समय से आज के भारत बंद की तैयारी कर रहे थे। आज सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक पूरे देश में भारत बंद रहेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आंदोलनकारी किसानों ने कई योजनाएं बनाई हैं कि आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर, देश भर में बाकी काम बंद रहें। SKM ने बंद के दौरान विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर पूर्ण शांति का आह्वान किया है।
किसान नेताओं का दावा है कि पूरे भारत से लोगों का भारी समर्थन मिला है, भारत बंद सफल रहेगा। इसके साथ ही लोगों से अपील की है कि शांति बनाए रखे, कानून के दायरे में रहकर बंद को सफल बनाएं।
‘लंच के बाद निकलें नहीं तो जाम में फंस जाएंगे’
आज शाम 4 बजे तक बंद रहेगा। लोगों से अनुरोध है कि लंच के बाद ही निकलें, नहीं तो जाम में फंसे रहेंगे। एम्बुलेंस को, डॉक्टरों को, ज्यादा ज़रूरतमंदों को निकलने दिया जाएगा। दुकानदारों से भी अपील की है कि आज दुकानें बंद रखें।
राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता
किसान और सरकार… अब तक जारी है गतिरोध
नवंबर 2020 का आखिरी हफ्ता था जब मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की सीमाओं पर जमा होने लगे थे। तब से शुरू हुआ आंदोलन 10 महीने बाद भी जारी है। इस बीच आंदोलन पर विदेशी फंडिंग से लेकर खालिस्तानी ऐंगल तक की तोहमतें लगीं मगर किसान डटे रहे। केंद्र सरकार के साथ किसान नेताओं की बातचीत बेनतीजा रही। 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसा के बाद सरकार ने किसानों से बातचीत बंद कर दी।
आंदोलनकारी किसानों का क्या कहना है?
किसान संगठनों की सबसे बड़ी मांग है कि तीनों नए कृषि कानून वापस लिए जाएं। इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं। इसके अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी भी प्रमुख मांग है। अन्य छोटी-छोटी मांगें भी हैं मगर समूचा आंदोलन कानूनों के खिलाफ ही शुरू हुआ था। किसान भारत बंद करने से आंदोलन को और मजबूती मिलेगी, ऐसी उम्मीद कर रहे हैं।
कमजोर नहीं दिखना चाहती मोदी सरकार
केंद्र सरकार ने बार-बार कहा कि वह बिंदुवार कानून पर चर्चा के लिए तैयार है मगर किसान संगठन नहीं मान रहे। 11 राउंड की मुलाकात किसी काम नहीं आई। सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के फायदे के लिए बने हैं। सरकार ने इस साल की शुरुआत में थोड़ी जोर-आजमाइश की थी मगर फिर आंदोलन ने और जोर पकड़ लिया। केंद्र यह तो साफ कर चुका है कि कानून वापस नहीं होंगे। नागरिकता संशोधन अधिनियम के बाद मोदी सरकार का यह दूसरा ऐसा कानून है जिसकी सड़क पर यूं खिलाफत हो रही है।
टिकैत बोले- अगर 10 साल भी आंदोलन करना पड़े तो करेंगे
हरियाणा के पानीपत में भारत बंद से ठीक एक दिन पहले रविवार को महापंचायत का आयोजन किया गया। गुरनाम सिंह चढूनी, राकेश टिकैत समेत कई किसान नेता महापंचायत में पहुंचे। टिकैत ने अगर दस साल भी आंदोलन करना पड़े तो करेंगे। ये आमने-सामने की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि किसान भाई ट्रैक्टर तैयार रखो, कभी भी दिल्ली में जरूरत पड़ सकती है। बीकेयू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की मांगें जल्द नहीं मानीं तो प्रधानमंत्री की कोठी के आगे टेंट लगाएंगे। उधर, कुरुक्षेत्र में शांति और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ 20 ड्यूटी मैजिस्ट्रेट को तैनात किया गया है।
DUET शुरू, भारत बंद के बीच आज का एग्जाम बना टेंशन
दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंडरग्रैजुएट, पोस्ट ग्रैजुएट और एमफिल-पीएचडी प्रोग्राम के एंट्रेंस एग्जाम शुरू हो चुके हैं। रविवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जामिनेशन (DUET) पोस्टग्रैजुएट कोर्सेज के लिए एंट्रेंस एग्जाम से शुरुआत हुई। वे स्टूडेंट्स परेशान हैं, जिनके एग्जाम सोमवार यानी 27 सितंबर को होने हैं, क्योंकि इस दिन किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया है।
एग्जाम सेंटर्स तक पहुंचने में परेशानी का अंदेशा स्टूडेंट्स को परेशान कर रहा है। इसे लेकर स्टूडेंट्स उलझन में हैं। हालांकि यह एंट्रेंस रखने वाली नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) का कहना है कि एग्जाम तीनों शिफ्ट तय शेड्यूल के हिसाब से ही रखे जाएंगे। NTA के डीजी विनीत जोशी कहते हैं, एग्जाम तो तय दिन ही है, बंद पर एग्जाम के असर पर सोमवार की स्थिति देखकर कुछ कहा जा सकेगा।
कहां, कहां होंगे एंट्रेस?
एंट्रेंस अहमदाबाद, अमृतसर, बंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नै, कटक, देहरादू, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंफाल, जयपुर, जम्मू, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची, शिलॉन्ग, शिमला, श्रीनगर, तिरुवनंतपुरम और बनारस में होंगे। दिल्ली के अलावा एनसीआर में गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, साहिबाबाद, गाजियाबाद में एंट्रेंस होंगे। शिलॉन्ग और लखनऊ एनटीए ने अपनी लिस्ट में इसी साल जोड़े गए हैं।