हाइलाइट्स
- असम-नगालैंड के बीच चला आ रहा सीमा विवाद सुलझ गया
- दोनों राज्य अपनी सीमाओं से सुरक्षाबल को हटाने के लिए तैयार
- दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों ने एक MoU पर साइन किया है
- असम के सीएम ने नगालैंड के सीएम नेफ्यू रियो को दी बधाई
पूर्वोत्तर राज्य असम का सिर्फ मिजोरम ही नहीं नगालैंड के साथ भी सीमा को लेकर लंबे समय से विवाद (Assam-Nagaland Border Dispute) चल रहा है। शनिवार को इस विवाद का पटाक्षेप हो गया। दोनों राज्य अपनी सीमाओं से सुरक्षाबलों को हटाने के लिए तैयार हो गए हैं। दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों ने इस संबंध में एक समझौता पत्र पर साइन किया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने इसको लेकर नगालैंड के सीएम नेफ्यू रियो को बधाई दी है।
वर्ष 1963 में जब नगालैंड को असम के नगा हिल्स जिले से अलग कर नया राज्य बनाया गया था, उस समय से ही नगालैंड असम से ऐसे इलाकों की मांग कर रहा है, जिसे वह अपना ऐतिहासिक हिस्सा मानता है। नगालैंड सरकार का इस बात पर जोर रहा है कि वर्ष 1960 के जिस 16 सूत्रीय समझौते के तहत नगालैंड का गठन हुआ, उसमें सभी नगा इलाकों की बहाली भी शामिल थी। जिन्हें वर्ष 1826 में अंग्रेजों ने असम पर कब्जा करने के बाद नगा पहाडि़यों से अलग कर दिया था।
संवैधानिक रूप से सीमा को मानता है असम
दूसरी ओर, असम सरकार का पूरा जोर संवैधानिक रूप से सीमा को बनाए रखने का है। असम 1 दिसंबर, 1963 में बने नगालैंड के कानून के तहत सीमा को मानती है और यही दोनों राज्यों के बीच विवाद का प्रमुख कारण है। पर अब समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद दोनों राज्यों का सीमा विवाद खत्म हो गया है।