इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को एक जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि गोरक्षा को हिंदुओं का मूल अधिकार बनाया जाना चाहिए। जस्टिस शेखर यादव की बेंच ने ये टिप्पणियां गोकशी के एक आरोपी जावेद की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कीं।
‘गोरक्षा किसी मजहब से नहीं जुड़ा’
हाई कोर्ट ने कहा, ‘गाय की रक्षा और उसे बढ़ावा देना किसी मजहब से नहीं जुड़ा है। गाय तो भारत की संस्कृति है और संस्कृति की रक्षा करना देश में रह रहे हर नागरिक का फर्ज है चाहे उनका मजहब कुछ भी हो।’
‘जब संस्कृति और आस्था को चोट पहुंचती है तो देश कमजोर होता है’
कोर्ट ने कहा, ‘हम जानते हैं कि जब किसी देश की संस्कृति और उसकी आस्था को चोट पहुंचती है तो वह देश कमजोर हो जाता है।’ हाई कोर्ट ने कहा कि बीफ खाने का अधिकार कभी भी मूल अधिकार नहीं हो सकता। कोर्ट ने कहा कि देश तभी सुरक्षित रहेगा जब गायों की सुरक्षा होगी और तभी देश आगे बढ़ेगा।
‘5 मुस्लिम शासकों ने भी अपने राज में गोकशी पर प्रतिबंध लगाया था’
हाई कोर्ट ने कहा कि सिर्फ हिंदू गाय की अहमियत नहीं समझते, मुस्लिमों ने भी अपने शासन के दौरान भारतीय संस्कृति में गाय की अहमियत को समझा। 5 मुस्लिम शासकों के राज में भी गोकशी प्रतिबंधित थी। कोर्ट ने कहा कि बाबर, हुमायूं और अकबर ने अपने त्योहारों में भी गाय की कुर्बानी पर प्रतिबंध लगाया था। मैसूर के नवाब हैदर अली ने गोकशी को दंडनीय अपराध घोषित किया था।
गोकशी के आरोपी की जमानत याचिका की खारिज
गोकशी के आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए जस्टिस शेखर यादव की बेंच ने कहा कि आरोपी ने पहले भी गोकशी की है जिससे समाज का सौहार्द बिगड़ा था। कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी को जमानत दी गई तो वह फिर से इस अपराध को करेगा और समाज के माहौल को खराब करेगा।
‘गाय तब भी उपयोगी जब वह बूढ़ी और बीमार’
कोर्ट ने कहा कि गाय तब भी उपयोगी है जब वह बूढ़ी और बीमार है, उसका गोबर और मूत्र खेती करने, दवाओं को बनाने में बहुत उपयोगी है। सबसे बड़ी बात यह है कि लोग गाय को मां की तरह पूजते हैं, भले ही वह बूढ़ी और बीमार हो जाए। किसी को भी उसे मारने का हक नहीं है।
‘गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए संसद में कानून बनना चाहिए’
हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार को भी गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए संसद में विधेयक लाना चाहिए। जो लोग गायों को नुकसान पहुंचाने की बात करते हैं उनके खिलाफ कड़े कानून लाने चाहिए। उनके खिलाफ भी कड़े कानून बनने चाहिए जो गोशाला वगैरह बनवाकर गोरक्षा का ढोंग तो करते हैं लेकिन उनका मकसद गोरक्षा नहीं बल्कि उसके नाम पर पैसा बनाना होता है।