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नई दिल्ली
सरकार ने गुरुवार को इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर मृत लोगों को वैक्‍सीन सर्टिफिकेट जारी किए गए। सरकार ने साफ किया कि मध्य प्रदेश में एक मामला हुआ जिसमें टीका लगाने वाले से गलती हुई। प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को देश में कोविड टीकों की ढाई करोड़ खुराक लगाई गईं और रिकॉर्ड बनाया गया।

कुछ राज्यों में मृत लोगों को टीका प्रमाणपत्र दिए जाने के सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘मध्य प्रदेश में एक घटना घटी और हमने पाया कि टीका लगवाने के लिए पंजीकरण उस समय कराया गया जब व्यक्ति जीवित था और जिस दिन उन्हें टीका लगवाने के लिए आना था, दुर्भाग्य से उनकी मृत्यु हो गई।’

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उन्होंने कहा, ‘टीका लगवाने वाले ने गलती से उस नाम के आगे का बटन दबा दिया। हालांकि, बाद में गलती को सुधार लिया गया।’

प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर लंबित डेटा एंट्री के आंकड़ों को संख्या में जोड़ने के आरोपों को भी बेबुनियाद बताते हुए भूषण ने कहा, ‘बिहार के संबंध में इस तरह के आरोप सामने आए। हमने जांच की और इन्हें पूरी तरह बेबुनियाद पाया। बिहार में औसतन रोजाना 3-5 लाख लोगों को टीका लगाया जाता है, लेकिन यह कहना पूरी तरह अवास्तविक होगा कि उन्हें डिजिटल प्रमाणपत्र नहीं दिए जाते, उन्हें एसएमएस नहीं मिलेंगे और डेटा अपलोड नहीं किया जाएगा।’

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उन्होंने कहा, ‘हमने यह खबर प्रसारित करने वाले चैनलों और मीडिया संस्थानों से बात की है। वे गांवों और लोगों के नाम के बारे में कोई विशेष ब्योरा हो तो साझा करें। हम विवरण का इंतजार कर रहे हैं।’



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