हाइलाइट्स
- पत्थर की जगह अब युवाओं को ग्रेनेड थमाया जा रहा है, लिया जा रहा टेस्ट
- आतंकी संगठन कर रहे युवाओं की घर वापसी की राह मुश्किल
- युवाओं को बरगलाने की आईएसआई ने बनाई है नई रणनीति
कश्मीर में माहौल खराब करने की कोशिश में लगे आतंकी संगठन इनसे जुड़ने वाले युवाओं की घर वापसी की राह मुश्किल बना रहे हैं। जहां आतंकी संगठन के लोग युवाओं को पहले पत्थर थमाकर उन्हें आतंकी संगठन में शामिल करते थे। वहीं, अब पहले उनसे हैंड ग्रेनेड फेंकने को कहा जा रहा है। इसके साथ ही युवाओं से बोला जा रहा है कि आतंकी संगठन में शामिल होने से पहले वे खुद को साबित करें।
इंटेलिजेंस एजेंसी की एक रिपोर्ट में इस बारे में बताया गया है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों ने युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती के लिए नई रणनीति बनाई है। कश्मीरी युवाओं को अब पत्थर फेंकने के बजाय ग्रेनेड फेंकने के लिए उकसाया जा रहा है। यह युवाओं का टेस्ट भी है। आतंकी संगठन चाहते हैं कि संगठन में शामिल होने से पहले युवा किसी न किसी वारदात को अंजाम दें।
खत्म हो रही हैं आतंकियों की जड़ें
दरअसल, आतंकी संगठन कई युवाओं के आतंक की राह को छोड़कर मुख्यधारा में वापस आने से परेशान हैं। पिछले कुछ समय में कई युवा आतंक की राह छोड़ वापस आए हैं। कई तो ऐसे युवा हैं जो अपने परिवार वालों की अपील पर आतंकियों का साथ छोड़कर वापस आ गए। भारतीय सेना आतंक की राह पर गए युवाओं की घर वापसी की कोशिश करती रहती है और इसमें काफी सफलता भी पाई है।
नया प्लान बनाने का क्या है कारण?
एक अधिकारी के मुताबिक आतंकी संगठन युवाओं को ग्रेनेड फेंकने के लिए कह रहे हैं ताकि एक बार वे आतंकी संगठन में आ जाएं तो फिर उनका वापस जाना मुश्किल हो जाए। इंटेलिजेंस एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में हथियारों की एक खेप अनंतनाग और कश्मीर में कई जगह पहुंची है जिसमें 20 ग्रेनेड और 4 से 5 पिस्टल हैं। इस खेप का इस्तेमाल कश्मीर के भटके युवाओं को आतंकी संगठनों में शामिल करने से पहले, उनके जरिये किसी वारदात को अंजाम देने के लिए हो सकता है।