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नई दिल्‍ली
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्‍बल को पार्टी आलाकमान पर उंगली उठाना काफी भारी पड़ गया है। उनकी प्रेस कांफ्रेंस के बाद बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया। सिब्‍बल को अपनों ने ही चौतरफा घेर लिया। राजधानी में उनके घर के आगे दिल्‍ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। वहीं, पार्टी के तमाम आला नेताओं ने उन्‍हें खूब खरी-खोटी सुनाई। उनके राजनीतिक सफर तक सवाल उठा डाले।

यह पूरा बवाल कपिल सिब्‍बल की प्रेस कांफ्रेंस के बाद शुरू हुआ। इस दौरान उन्‍होंने कांग्रेस की समस्‍याओं से जुड़े सारे मुद्दे खोद डाले। लोगों के पार्टी से जाने की वजह पर चर्चा की तो इशारों-इशारों में कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधा। कांग्रेस अध्‍यक्ष का मुद्दा उठाने के साथ पंजाब की घमासान पर बात की।

क्‍या-क्‍या बोल गए सिब्‍बल?
सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए। कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए। गांधी परिवार पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वो आज भी इनके साथ खड़े हैं।

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सिब्बल ने कहा कि सीमावर्ती राज्य में ऐसी कोई भी स्थिति नहीं होनी चाहिए जिसका पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और सीमापार के दूसरे तत्व फायदा उठा सकें। बोले ‘मैं निजी तौर पर बात कर रहा रहा हूं। उन साथियों की तरफ बोल रहा हूं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में पत्र लिखा था। हम अपने नेतृत्व की ओर से अध्यक्ष का चुनाव, सीडब्ल्यूसी और केंद्रीय चुनाव समिति के चुनाव कराने से जुड़े कदम उठाए जाने का इंतजार कर रहे हैं।’

सिब्‍बल ने कहा, ‘मैं भारी मन से आप लोगों से बात कर रहा हूं। मैं एक ऐसी पार्टी से जुड़ा हूं जिसकी ऐतिहासिक विरासत है और जिसने देश को आजादी दिलाई। मैं अपनी पार्टी को उस स्थिति में नहीं देख सकता जिस स्थिति में पार्टी आज है।’

सिब्बल ने कहा कि हमारे लोग हमें छोड़कर जा रहे हैं। सुष्मिता (देव) चली गईं और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री (लुईजिन्हो) फालेरयो भी चले गए। जितिन प्रसाद चले गए, (ज्योतिरादित्य) सिंधिया चले गए, ललितेश त्रिपाठी चले गए, अभिजीत मुखर्जी भी चले गए। कई अन्य नेता चले गए। सवाल उठता है कि ये लोग क्यों जा रहे हैं? हमें यह खुद सोचना होगा कि शायद हमारी भी कोई गलती रही होगी। उन्होंने कहा, ‘इस समय हमारे यहां अध्यक्ष नहीं है। हम जानते भी हैं और नहीं भी जानते हैं कि फैसले कौन कर रहा है।’

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घर के बाहर प्रदर्शन
आलाकमान को निशाने पर लेते हुए कपिल सिब्‍बल का इतना सबकुछ कह जाते ही कांग्रेस के पुराने से लेकर नए नेताओं तक ने उन पर हमला कर दिया। सिब्बल की ओर से जी-23 नेताओं के उठाए गए व्यापक सुधारों की मांग दोहराए जाने के कुछ घंटे बाद ही उनके घर के आगे प्रदर्शन शुरू हो गया। दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनके विरोध में प्रदर्शन किया। ‘गेट वेल सून कपिल सिब्बल’ की तख्तियां दिखाईं।

अपनों ने साधा निशाने
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सिब्बल पर निशाना साधा। सिब्बल पर गलतफहमी फैलाने का आरोप लगाया। कहा कि वह गलतबयानी कर रहे हैं। कांग्रेस में फैसले पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ले रही हैं। सिब्‍बल के बयान को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया। सिंहदेव ने कहा कि इतने अनुभवी नेता को यह नहीं पता कि पार्टी में फैसले कौन और कैसे ले रहा है। कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोग कभी पार्टी छोड़कर नहीं जाएंगे।

वरिष्‍ठ नेता अजय माकन बोले कि सोनिया गांधी ने यह सुनिश्चित किया था कि संगठनात्मक पृष्ठभूमि न होने के बावजूद कपिल सिब्बल केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनें। पार्टी में सभी की बात सुनी जा रही है। सिब्बल और अन्य लोगों को बताना चाहते हैं कि उन्हें उस संगठन को नीचा नहीं दिखाना चाहिए जिसने उन्हें एक पहचान दी।

पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने सिब्बल का नाम लिए बगैर कहा – याद रखना चाहिए, कितनी हैसियत थी और गांधी परिवार ने क्या दिया। सांसद बनाने के लिए क्या क्या हथकंडे अपनाने पड़े। जितनी योग्यता थी उससे बढ़ कर उन्हें गांधी परिवार ने दिया है। उनकी नैतिक हैसियत नहीं कि वो आलाकमान पर उंगली उठाएं। वो याद रखें कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का पार्टी अध्यक्ष कैसे बनाया गया था।

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