हाइलाइट्स
- शूटआउट के दौरान हमलावरों के संपर्क में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया
- गैंगवार में गई थी गोगी की जान, हमलावरों को भी किया गया था ढेर
- जेल में बैठे-बैठे टिल्लू दे रहा था हमलावरों को इंस्ट्रक्शन, सुरक्षा में चूक
रोहिणी कोर्ट शूटआउट मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि इस शूटआउट से पहले और बाद में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया हमलावरों के संपर्क में था। मंडोली जेल में बंद टिल्लू पल-पल की खबर ले रहा था। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। दो गुटों की गैंगवार में दिल्ली के कुख्यात अपराधियों में शामिल जितेंद्र मान उर्फ गोगी की टिल्लू गैंग के बदमाशों ने हत्या कर दी थी। ये बदमाश कोर्ट में वकील के वेश में पहुंचे थे। पुलिस ने दो बदमाशों को कोर्ट में ही मार गिराया था।
दिल्ली पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान उमंग यादव और विनय के तौर पर हुई है। टिल्लू ताजपुरिया ने जेल में बैठे-बैठे उमंग को गोगी के साथ दूसरों का सफाया करने की जिम्मेदारी दी थी। उमंग एलएलबी ड्रॉपआउट है। उसने वकीलों के वेश में दो शूटरों को रोहिणी कोर्ट में छोड़ा था।
दूसरे आरोपी विनय ने एनकाउंटर के बाद दोनों शूटरों के कपड़ों और मोबाइल फोन को ठिकाने लगाने में मदद की थी। पुलिस ने अब कपड़ों और मोबाइल फोनों को बरामद कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार, गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया ने प्रतिद्वंद्वी जितेंद्र गोगी को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया था। जेल में बैठकर ही वह एक-एक इंस्ट्रक्शन दे रहा था। रोहिणी कोर्ट में हमलावरों से वह छोटी-छोटी डिटेल ले रहा था। मसलन, कोर्ट में वे पहुंचे कि नहीं, कोर्ट कितनी दूर है, वे कब पहुंचेंगे आदि।
यह बड़ी सुरक्षा चूक को दर्शाता है। इससे यह भी पता चलता है कि जेलों में अपराधी किस तरह से बेखौफ होकर अपने गैंग चला रहे हैं। उन्हें फोन और इंटरनेट तक की सहूलियत मिल जाती है।
दोनों शूटर रोहिणी कोर्ट से करीब 3 किमी दूर हैदरपुर में एक फ्लैट में रुके थे। यह फ्लैट उमंग यादव का था। उमंग ने बताया है कि उसने तीन साल वकालत की पढ़ाई की। उसके पास वकीलों की यूनिफॉर्म थी।
24 सितंबर को तीनों रोहिणी कोर्ट के करीब एक मॉल पहुंचे थे। यहां उन्होंने वकीलों के कपड़े पहने थे। गोगी को मारकर उनका प्लान चलते बनने का था। हालांकि, यह फेल हो गया। उमंग मौके से भाग निकलने में कामयाब हुआ था।