अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिका की 5 दिग्गज कंपनियों के सीईओ के साथ वन-टु-वन मीटिंग की। इनमें न्यूक्लियर और डिफेंस सेक्टर की दिग्गज प्राइवेट कंपनी जनरल एटॉमिक्स के सीईओ विवेक लाल भी शामिल थे। पीएम मोदी और लाल की 20 मिनट तक चली यह मीटिंग रक्षा सौदे और डिफेंस टेक्नॉलजी के लिहाज से बेहद अहम है। जनरल एटॉमिक्स ही खतरनाक प्रीडेटर ड्रोन की निर्माता है और भारत ऐसे 30 ड्रोन खरीदने का मन बनाया हुआ है। कंपनी पहले से ही भारत को लेटेस्ट डिफेंस टेक्नॉलजी सपोर्ट मुहैया कराने के लिए काम कर रही है।
30 प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगा भारत
अमेरिका की न्यूक्लियर-पावर्ड सबमरीन टेक्नॉलजी भले ही फिलहाल भारत की पहुंच से कुछ दूर हो, क्योंकि इस सेक्टर में रूस उसका पुराना साथी है। लेकिन अमेरिका का प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की भारत की चाहत अब जल्द हकीकत बन सकती है। दरअसल, भारत 3 अरब डॉलर यानी करीब 22 हजार करोड़ रुपये में दुनिया के सबसे खतरनाक और आधुनिक टेक्नॉलजी से लैस प्रीडेटर ड्रोन की 30 यूनिट को खरीदने का मन बना चुका है। योजना के मुताबिक, तीनों सेनाओं के लिए 10-10 प्रीडेटर ड्रोन खरीदे जाने हैं।
यह ड्रोन हवा में लगातार 35 घंटे तक उड़ान भर सकता है। यह 50 हजार फीट की ऊंचाई पर 3000 किमी तक सफर कर सकता है। कहने के लिए यह ड्रोन है लेकिन किसी भी अडवांस्ड फाइटर जेट से कम नहीं है। इस पर खतरनाक मिसाइलें फिट हो सकती हैं। यह न सिर्फ अडवांस्ड सर्विलांस सिस्टम से लैस है बल्कि खामोशी से टारगेट पर सटीक निशाना लगाने में माहिर है। प्रीडेटर ड्रोन से ही अमेरिका ने ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मारा था।
विवेक लाल का इंडिया कनेक्शन
जनरल एटॉमिक्स के सीईओ विवेक लाल का भारत के साथ गहरा जुड़ाव रहा है। वह भारतीय मूल के हैं जिनका जन्म इंडोनेशिया के जकार्ता में हुआ था। उनका यह स्ट्रॉन्ग कनेक्शन भारत के लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है। लाल बोइंग, रेथिअन और लॉकहीड मार्टिन जैसी बड़ी रक्षा कंपनियों के साथ भी अहम पदों पर काम कर चुके हैं। वह बोइंग की इंडिया यूनिट के भी हेड रह चुके हैं। इसके अलावा वह भारतीय कंपनी रिलायंस के साथ भी काम कर चुके हैं। लेकिन जून 2020 में उनके जनरल एटॉमिक्स का सीईओ बनना भारत के लिए अहम टेक्नॉलजी हासिल करने के लिए लिहाज से बड़ा मौका है।
भारत के लिए बड़ा मौका
विवेक लाल ने भारत-अमेरिका के बीच हुए कई रक्षा सौदों में अहम भूमिका निभाई है। इन रक्षा सौदों में ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट C-17 ग्लोबमास्टर की डील, P-81 एंटी-मरीन वारफेयर एयरक्राफ्ट और हार्पून मिसाइल सौदे शामिल हैं। जनरल एटॉमिक्स पहले से ही दोनों सरकारों के साथ मिलकर भारत को डिफेंस सेक्टर में टेक्नॉलजी सपोर्ट मुहैया कराने की दिशा में काम कर रहा है। इसके अलावा वह भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ देसी कंपनियों से भी पार्टनरशिप की है। पीएम मोदी और लाल की मुलाकात से इन प्रोग्राम्स को और ताकत मिलेगी।
भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर बात
अधिकारियों ने बताया कि लाल के साथ मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग को आधुनिक बनाने, नई उभरती हुई टेक्नॉलजी का इस्तेमाल और देश की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने को लेकर बात की। भारतीय-अमेरिकी लाल एयरक्राफ्ट मैन्यूफैक्चरिंग टेक्नॉलजी और डिफेंस सेक्टर के जानेमाने विशेषज्ञ हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लाल ने प्रधानमंत्री से चर्चा के दौरान रक्षा और उभरते प्रौद्योगिकी निर्माण को गति देने के लिए हाल ही में नियमों में किए गए नीतिगत बदलावों और भारत में क्षमता निर्माण को बढ़ाए जाने की तारीफ की। बयान में कहा गया, ‘दोनों ने रक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र को मजबूत करने को लेकर चर्चा की।’
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ड्रोन टेक्नॉलजी में भारत के बढ़ते कदम
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बीच एक ट्वीट में कहा, ‘भविष्य के एक ऐसे विषय को लेकर चर्चा कर रहा हूं जिसने वर्तमान में लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन के विवेक लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की। उन्होंने ऐतिहासिक सुधारों और उत्पादन प्रोत्साहन योजना सहित ड्रोन टेक्नॉलजी में भारत के बढ़ते कदमों पर चर्चा की।’
पीएम मोदी और विवेक लाल की मुलाकात की इस तस्वीर को पीएमओ ने ट्वीट किया है