केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि कोविड से हुई मौत के मामले में मृतक के परिजनों को 50 हजार रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने का फैसला किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से इसको लेकर हलफनामा दायर किया गया है।
केंद्र सरकार ने दायर किया हलफनामा
सुप्रीम कोर्ट में गृह मंत्रालय की ओर से हलफनामा दायर किया गया और कहा गया है कि कोविड से हुई मौत के मामले में मुआवजा देने के लिए नैशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) ने गाइडलाइंस जारी किए हैं। इसके तहत मृतक के परिजनों को 50 हजार रुपये अनुग्रह राशि दिए जाएंगे। साथ ही कहा गया है कि मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ और आईसीएमआर के गाइडलाइंस के तहत कोविड से मौत के सर्टिफिकेट के आधार पर मुआवजा राशि दी जाएगी। साथ ही कहा गया है कि यह अनुग्रह राशि राज्य सरकारें एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फंड) से दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में कंटेप्ट की अर्जी
सुप्रीम कोर्ट में 14 सितंबर को केंद्र सरकार के खिलाफ कंटेप्ट अर्जी दाखिल की गई थी और कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को अपने आदेश में कहा था कि कोविड से होने वाले मौत के मामले में एनडीएमए मुआजवा के लिए गाइडलाइंस तैयार करे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अभी तक उस पर केंद्र ने अमल नहीं किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को दिया था आदेश
30 जून 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश में कहा था कि कोविड से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए छह हफ्ते के भीतर एनडीएमए (नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) गाइडलाइंस तैयार करे। सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि एनडीएमए की विधायी ड्यूटी है कि वह गाइडलाइंस बनाए जिसके तहत कोविड से मौत के मामले में न्यूनतम मुआवजा राशि देने की व्यवस्था हो। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश जारी किया था कि कोविड से मौत के मामले में डेथ सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया भी आसान बनाए।
11 सितंबर को सरकार ने दिया जवाब
11 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा था कि कोविड से संबंधित मौत के मामले में डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के संबंध आईसीएमआर और हेल्थ मिनिस्ट्री ने गाइडलाइंस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने कहा था कि रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने 3 सितंबर को सर्कुलर जारी किया है और कहा है कि मृतक के परिजनों को मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया जाए और मौत का कारण लिखा जाए।
सर्कुलर जारी किया गया
सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि 30 जून के शीर्ष अदालत के जजमेंट के आधार पर गाइडलाइंस और सर्कुलर जारी किया गया है। गाइडलाइंस में कहा गया है कि कोविड की पुष्टि होने के बाद अगर अस्पताल से छुट्टी भी हो जाए तो भी टेस्ट के 30 दिनों के भीतर अस्पताल से बाहर मौत होने पर कोविड डेथ माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए एडवोकेट गौरव बंसल और रीपक कंसल की ओर से अर्जी दाखिल कर मुआवजा राशि तय करने की गुहार लगाई थी।