हाइलाइट्स
- आर्मी के 60 साल पुराने हेलिकॉप्टर कब बदलेंगे?
- होते रहते हैं पुराने चीता और चेतक हेलिकॉप्टर से हादसे
- मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में चेतक हेलिकॉप्टर क्रैश में आर्मी के दो पायलटों की मौत
- 20 साल से हो रही है पुराने हेलिकॉप्टर बदलने की मांग
इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स 20 सालों से यह मांग कर रही है कि पुराने यूटिलिटी हेलिकॉप्टर को बदला जाए लेकिन अब तक यह नहीं हो पाया है। 60 साल पुराने चीता और चेतक हेलिकॉप्टर ही आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के पास हैं। ये बेहद पुराने हेलिकॉप्टर हादसे का सबब बन रहे हैं। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में आर्मी का चेतक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया जिसमें इंडियन आर्मी ने अपने दो यंग ऑफिसर को खो दिया। सवाल यह है कि आखिर कब दशकों पुराने हेलिकॉप्टर्स को बदला जाएगा।
तीनों सेनाएं सालों से कर रही हैं मांग
एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक फॉरवर्ड एरिया की जरूरतों को पूरी करने के लिए जल्द से जल्द नए लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर्स की जरूरत है। ताकि वहां हमारे सैनिक सरवाइव कर सकें और निगरानी भी रखी जा सके। इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स 20 सालों से नए यूटिलिटी हेलिकॉप्टर की मांग कर रही है। कुल करीब 500 हेलिकॉप्टर की जरूरत है।
अभी हाल ही में हुआ है एग्रीमेंट
विदेश से ऐसे 197 हेलिकॉप्टर लेने का प्रस्ताव दो बार स्क्रैप हो गया था। जिसके बाद भारत ने रूस से 200 ट्विन इंजन (दो इंजन वाला) चॉपर लेने के लिए इंटर गवर्नमेंटल अग्रीमेंट साइन किया। दो साल पहले Ka-226T हेलिकॉप्टर को लेकर टेक्नॉलजी ऑफ ट्रांसफर (तकनीक स्थानांतरित करना) का रोडमैप साइन हुआ। अग्रीमेंट हुआ कि 60 हेलिकॉप्टर रूस में बनकर ही भारत आएंगे और भारत इन्हें रूस से खरीदेगा, वहीं 140 हेलिकॉप्टर भारत में तैयार होंगे। कहा गया था कि ये 140 हेलिकॉप्टर रूस और भारत की संयुक्त भागीदारी से बनाए जाएंगे। लेकिन यह अभी अटका हुआ है।
पहाड़ी इलाकों में होता है रेस्क्यू
इंडियन आर्मी अभी चेतक और चीता लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करती है। सियाचिन और लेह जैसे दुर्गम इलाकों में सेना तक सामान पहुंचाने और लोगों के एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। पहाड़ी इलाकों में इन्हीं हेलिकॉप्टर के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन भी किया जाता है।