नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि केंद्र सरकार, दुर्लभ बीमारी से पीड़ित एक व्यक्ति के उपचार के लिए आम जनता से एकत्र की गई 63 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को इसके लिए बने कोष में जमा कराएगी। यह रकम अभी केरल उच्च न्यायालय के पास है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि केंद्र का यह रुख स्वीकार नहीं किया जा सकता कि वह केरल उच्च न्यायालय में चल रही कार्यवाही में पक्षकार नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने निर्देश दिया कि दुर्लभ रोगों से पीड़ित लोगों के उपचार के संबंध में उसके आदेश के अनुपालन पर समग्र स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाए।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि केंद्र सरकार, दुर्लभ बीमारी से पीड़ित एक व्यक्ति के उपचार के लिए आम जनता से एकत्र की गई 63 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को इसके लिए बने कोष में जमा कराएगी। यह रकम अभी केरल उच्च न्यायालय के पास है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि केंद्र का यह रुख स्वीकार नहीं किया जा सकता कि वह केरल उच्च न्यायालय में चल रही कार्यवाही में पक्षकार नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने निर्देश दिया कि दुर्लभ रोगों से पीड़ित लोगों के उपचार के संबंध में उसके आदेश के अनुपालन पर समग्र स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाए।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने आश्वस्त किया कि एक सप्ताह में इस पर कदम उठाए जाएंगे, जिसे अदालत ने रिकॉर्ड में दर्ज किया। अदालत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को स्थिति रिपोर्ट सौंपने का भी आदेश दिया।
अदालत को 11 अगस्त को बताया गया था कि केरल उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश के अनुसार दुर्लभ बीमारी से पीड़ित एक व्यक्ति के इलाज के लिए डिजिटल मंच के माध्यम से आम जनता से चंदा एकत्र करने को कहा गया था और इससे 63 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा हुई थी। दुर्भाग्य से उक्त व्यक्ति मृत्यु हो गई और पैसे का कोई उपयोग नहीं हो पाया।