हाइलाइट्स
- ब्रिक्स के बाद अपनी दीवार मजबूत करने में जुटा भारत
- पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे में तीन अहम कार्यक्रम प्रस्तावित
- हर कार्यक्रम में सबसे ज्यादा फोकस अफगानिस्तान पर
ब्रिक्स बैठक में अफगानिस्तान मसले पर चीन और रूस का साथ पाने के बाद भारत कई और कोशिशों में जुट गया है। आज ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत की पहली 2+2 मीटिंग होनी है। माना जा रहा है कि इसमें भी अफगानिस्तान के मुद्दे पर महत्वपूर्ण चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही पीएम मोदी का अमेरिका दौरा भी इस बार पूरी तरह अफगानिस्तान पर केंद्रित हो सकता है।
अफगान जमीन का इस्तेमाल आतंक के लिए नहीं होना चाहिए
भारत का साफ स्टैंड है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंक के लिए नहीं होना चाहिए। यूएन में भारत के प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा, ‘सरजमीं का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न करने देने के वादे पर तालिबान को खरा उतरना चाहिए। उसे पाकिस्तान के लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठनों को अपने यहां जगह नहीं देनी चाहिए।
पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे में तीन अहम कार्यक्रम
इसी बीच, पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, 22 सितंबर से शुरू होने वाले इस दौरे में 3 अहम कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। 23 तारीख को अमेरिकी प्रेजिडेंट जो बाइडन के साथ मोदी की द्विपक्षीय बैठक होगी। इसके अगले दिन क्वाड देशों की मीटिंग होगी, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख होंगे।
हर कार्यक्रम में सबसे ज्यादा फोकस अफगानिस्तान पर
वहीं, 25 को पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र में संबोधन होगा। सूत्रों के अनुसार, इन कार्यक्रमों में सबसे ज्यादा फोकस अफगानिस्तान पर हो सकता है। पीएम मोदी भारत का नजरिया रख सकते हैं। मालूम हो कि गुरुवार को मोदी की अध्यक्षता में हुई ब्रिक्स देशों की वर्चुअल मीटिंग में आतंक के खिलाफ साझा नीति और काउंटर एक्शन प्लान पर सहमति बनी थी।