हाइलाइट्स
- मुजफ्फरनगर में रविवार को हुई किसान महापंचायत का वीडियो है वायरल
- भाकियू नेता राकेश टिकैत के मंच से लगाया गया था ‘अल्लाहू अकबर’ का नारा
- राकेश टिकैत ने विवाद के बाद सवाल किया है कि इस नारे से दिक्कत क्या है?
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है। किसानों ने मुजफ्फरनगर और करनाल में महा पंचायत कर अपनी ताकत का अहसास कराया है। आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की ओर से ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाने के बाद बवाल शुरू हो गया है। आलम यह है कि फोन पर मिल रही गालियों के बाद उन्होंने अपना फोन तक बंद कर लिया है। पूरे विवाद पर टिकैत ने सवाल किया कि इस नारे में दिक्कत क्या है? ये नारा देश के संविधान में है। सरकार चाहे तो आदेश कर दे कि देश में सिर्फ एक ही नारा लगेगा, दूसरा नारा हिन्दुस्तान में नहीं लगेगा। हम लगाएं तो हम पर मुकदमा कर दें, हम कोर्ट में जवाब दे देंगे।
एक न्यूज चैनल से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि मौजूदा समय में पैदा हुए हालात से लगता है कि क्या देश में जुबान पर पाबंदी का समय आ गया है? क्या देश में ऐसी सरकार आ गई है जो अब नारों पर भी प्रतिबंध लगाएगी? ये चिंता का विषय है। टिकैत का कहना है कि देश के संविधान में सभी को बराबर का हक मिला है। ऐसे में कोई क्या नारे लगा रहा है, इस पर राजनीति करना ठीक नहीं है। टिकैत ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो किसानों की मांगे माने और काले कानून को खत्म करे।
बीजेपी का नाम लिए बगैर साधा निशाना
टिकैत ने कहा कि आईटी सेल का मतलब यह नहीं है कि किसी की निजी जिंदगी में दखल दिया जाए। बीजेपी का नाम न लेते हुए टिकैत ने इशारों में कहा कि इस समय उनका हर-हर महादेव और अल्लाह हू अकबर का 8 दिन वाला कोर्स चल रहा है। इसके तहत वो वीडियो में छेड़छाड़ करते हैं। इसे एक तरह से डिजिटल छेड़खानी कहते हैं। टिकैत ने कहा कि देश के संविधान में सबको पूजा करने का अधिकार मिला है। यहां सभी भाषाओं का सम्मान है, सभी जातियों का सम्मान है। लेकिन ये (BJP) तोड़ने का काम करते हैं और हम जोड़ने का काम करते हैं।
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फोन पर मिल रही धमकियों पर बोले टिकैत
मंच से अल्लाह हू अकबर के नारे के बाद फोन पर मिल रही धमकियों को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि वो कहते हैं कि हम आपको काले झंडे दिखाएंगे। इस पर हमारा जवाब है कि हमारी तो भैंस और बछड़ा भी काला है। फिर वो हम पर जूता फेंकने की भी बात कहते हैं। फोन पर गाली देने की बात भी कहते हैं। लेकिन हम सभी का जवाब देने को तैयार हैं। टिकैत ने कहा कि ये देश ऋषि और कृषि पर आधारित है। इसमें किसी से भी छेड़खानी करेंगे तो हलचल पैदा होगी। ऐसे में हम कहना चाहते हैं कि ऋषि और कृषि में से किसी के साथ छेड़खानी ना करें। नहीं तो हम लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
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‘हम रामचंद्र जी के वंशज’
भाकियू नेता ने कहा, ‘हम रामचंद्र जी के वंशज हैं और हमारे पूर्वज भी अयोध्या से हैं। हमारा नारा था राम, इनका है जय श्रीराम। इन्होंने तो हमारे रामचंद्र जी को ही बदल दिया। हमारा तो राम-राम का नारा था। हमारे तो बैल भी राम-राम की भाषा समझते हैं। लेकिन इनका अब जयश्री राम हो गया है।’ उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हम रघुवंशी हैं और राम हमारे हैं। बीजेपी का नाम लिए बगैर टिकैत ने कहा कि ये तो जबरन ही अपनी पार्टी में राम को शामिल करने पर तुले हैं। भगवान राम हैं और इन्हें राजनीति और पार्टी से नहीं जोड़ना चाहिए।