इंडियन आर्मी में रीइंप्लॉयमेंट सिस्टम खत्म करने पर विचार किया जा रहा है। ऑफिसर्स की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। इस पर चर्चा चल रही है कि क्या रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर रीइंप्लॉयमेंट सिस्टम खत्म किया जा सकता है।
एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि अभी इंडियन आर्मी में रीइंप्लॉयमेंट का सिस्टम है। अगर कर्नल रैंक से रिटायर होने के बाद कोई अधिकारी रीइंप्लॉई होते हैं तो वह मेजर रैंक के अधिकारी के समान काम करते हैं जबकि उन्हें सैलरी कर्नल रैंक की ही मिलती है। इसी तरह ब्रिगेडियर रैंक से रिटायर होने के बाद भी रीइंप्लॉयमेंट का सिस्टम है। उन्हें तब सैलरी तो ब्रिगेडियर रैंक की ही मिलती है लेकिन वह लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी के समान काम करते हैं। किसे रीइंप्लॉयमेंट मिल सकता है उसके लिए भी बोर्ड बैठता है और पूरे सर्विस रेकॉर्ड को देखकर रीइंप्लॉयमेंट का फैसला किया जाता है।
भारतीय सेना में अभी अधिकारियों की कमी भी है। रक्षा मंत्रालय ने संसद को बताया कि भारतीय सेना में अफसरों के 7912 पद और सैनिकों के 90640 पद खाली हैं। रीइंप्लॉयमेंट के जरिए कुछ हद तक इस कमी को पूरी करने की कोशिश की जाती है। सीनियर अधिकारी ने कहा कि इस पर विचार किया जा रहा है कि रीइंप्लॉयमेंट सिस्टम खत्म कर रिटायर की उम्र ही बढ़ा दी जाए। क्योंकि जब सैलरी ज्यादा रैंक की दी जा रही है और काम कम रैंक के अधिकारी का लिया जा रहा है तो इससे किसी को फायदा नहीं है।
अधिकारी ने कहा कि साथ ही इस पर भी विचार किया जा रहा है कि आर्मी, नेवी और एयरफोर्स तीनों में रिटायरमेंट उम्र का एक कॉमन सिस्टम हो। आर्मी में अभी कर्नल रैंक के अधिकारी 54 साल में रिटायर होते हैं, इंडियन नेवी में इसी रैंक के समान के अधिकारी 56 साल में रिटायर होते हैं तो एयर फोर्स में 57 साल में रिटायर होते हैं। सीनियर अधिकारी ने कहा कि कॉमन सिस्टम बनाने पर विचार किया जा रहा है।