नई दिल्ली
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि दुनिया में हर जगह अनिश्चितता है और अफगानिस्तान में मौजूदा घटनाक्रम इसका एक उदाहरण है। सिंह ने सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल एमआरएसएएम को भारतीय वायुसेना में शामिल करने के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘चाहे वह दक्षिण चीन सागर हो, हिंद महासागर क्षेत्र, हिंद-प्रशांत क्षेत्र या पश्चिम एशिया हो, हम हर जगह अनिश्चितता देख सकते हैं। अफगानिस्तान में मौजूदा घटनाक्रम इसका एक उदाहरण है।’
उन्होंने कहा कि वैश्विक परिदृश्य बहुत तेजी से और अप्रत्याशित तरीके से बदल रहा है। सिंह ने कहा, ‘इस बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच, राष्ट्रों के बीच समीकरण भी उनके हितों के अनुसार तेजी से बदल रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि बदलती भू-राजनीति व्यापार, अर्थव्यवस्था के साथ-साथ वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को भी प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा, ‘ऐसी स्थिति में, हमारी सुरक्षा की ताकत और हमारी आत्मनिर्भरता एक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है।’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि दुनिया में हर जगह अनिश्चितता है और अफगानिस्तान में मौजूदा घटनाक्रम इसका एक उदाहरण है। सिंह ने सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल एमआरएसएएम को भारतीय वायुसेना में शामिल करने के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘चाहे वह दक्षिण चीन सागर हो, हिंद महासागर क्षेत्र, हिंद-प्रशांत क्षेत्र या पश्चिम एशिया हो, हम हर जगह अनिश्चितता देख सकते हैं। अफगानिस्तान में मौजूदा घटनाक्रम इसका एक उदाहरण है।’
उन्होंने कहा कि वैश्विक परिदृश्य बहुत तेजी से और अप्रत्याशित तरीके से बदल रहा है। सिंह ने कहा, ‘इस बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच, राष्ट्रों के बीच समीकरण भी उनके हितों के अनुसार तेजी से बदल रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि बदलती भू-राजनीति व्यापार, अर्थव्यवस्था के साथ-साथ वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को भी प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा, ‘ऐसी स्थिति में, हमारी सुरक्षा की ताकत और हमारी आत्मनिर्भरता एक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है।’
अगस्त के मध्य में तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था और उसने पश्चिमी देशों द्वारा समर्थित पिछले निर्वाचित नेतृत्व को हटा दिया था। तालिबान के उच्च पदस्थ सदस्यों को शामिल करते हुए एक अंतरिम मंत्रिमंडल का गठन किया गया है। सिंह ने यह भी कहा कि भारत जिसे दुनिया में नंबर एक रक्षा आयातक बताया जाता है आज विदेशों में रक्षा प्रणालियों और उप-प्रणालियों की आपूर्ति कर रहा है जो कि गर्व की बात है। उन्होंने कहा, ‘हम ऐसे सभी उपाय कर रहे हैं जिससे हमारे रक्षा क्षेत्र को अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद मिले।’