राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के किसान संगठन ने कहा कि किसानों को मिलने वाला एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) एक छलावा है। भारतीय किसान संघ का कहना है कि एमएसपी का फायदा सिर्फ दो राज्यों के किसानों को ही मिल पा रहा है इसलिए सरकार को सभी किसानों को लाभकारी मूल्य मिलना सुनिश्चित करना चाहिए। दिलचस्प है कि तीन नए कृषि कानून पास होने से पहले और उसके बाद भी किसान संघ यह मांग करता रहा है कि सरकार किसानों को एमएसपी की गारंटी दे।
संयुक्त किसान मोर्चा के किसान आंदोलन की भी यह एक अहम मांग है। लेकिन अब किसान संघ का कहना है कि एमएसपी से सभी किसानों को फायदा नहीं मिल पाता इसलिए सरकार को लाभकारी मूल्य तय करना चाहिए और इसके लिए कानून बनाना चाहिए। इसी मांग को लेकर भारतीय किसान संघ कल यानी बुधवार को देश भर में धरना आयोजित कर रहा है और अपनी मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजेगा।
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने कहा कि एमएसपी का फायदा सिर्फ पंजाब और हरियाणा के किसानों को मिल पाता है और बाकी राज्यों के किसानों के लिए यह एक छलावा है। कई जगह तो उत्पादन की लागत एमएसपी से ज्यादा आती है। उन्होंने कहा कि जैसे किसी राज्य में बिजली या पानी महंगा है और वहां किसानों को अपने उत्पाद के उत्पादन में बाकी जगह से ज्यादा लागत आती है। इसलिए हमारी मांग है कि देश में जो 15 कृषि जोन हैं वहां हर उत्पाद के लिए अलग अलग लाभकारी मूल्य तय हों और सरकार इसके लिए कानून बनाए। उन्होंने कहा कि या तो सरकार हमारी मांग माने या कहे कि हमारी मांग गलत है।
भारतीय किसान संघ नेता ने कहा कि हमने 11 अगस्त को पीएम को इस मांग को लेकर ज्ञापन भेजा था लेकिन कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। अब हम अपनी मांग को लेकर आंदोलन की शुरूआत कर रहे हैं। तो क्या सरकार किसानों को लेकर असंवेदनशील है? इस सवाल पर किसान संघ नेता ने कहा कि सरकार ने किसानों को कई छोटी छोटी राहतें दी हैं जो पहले नहीं मिलती थी। लेकिन हमारी मांग लाभकारी मूल्य की है। संयुक्त किसान मोर्चा के किसान आंदोलन पर किसान संघ नेता ने कहा कि हममें और उनमें यह फर्क है कि उनका हिंसक आंदोलन है और हम राष्ट्रवादी संगठन हैं और हम छोटे किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं।