असम में कार्बी आंगलोंग को लेकर दिल्ली में शनिवार को उग्रवादियों के साथ ऐतिहासिक समझौता हुआ। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कार्बी आंगलोंग ऐतिहासिक समझौता आज संपन्न हुआ। ये दिन निश्चित रूप से असम और कार्बी क्षेत्र के इतिहास में स्वर्णमयी अक्षरों के साथ लिखा जाएगा। आज 5 से अधिक संगठनों के लगभग 1000 कैडर ने हथियार डालकर मुख्यधारा में आने की शुरुआत की है।
शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कई विद्रोही समूहों के प्रतिनिधि कार्बी आंगलोंग समझौते पर हस्ताक्षर के लिए बैठक में शामिल हुए। समझौते के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कार्बी आंगलोंग के संबंध में असम सरकार 5 साल में एक क्षेत्र के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। नरेंद्र मोदी सरकार की नीति है कि जो समझौता हम करते हैं, उसकी सभी शर्तों का पालन हम अपने ही समय में पूरा करते हैं।
‘सभी समझौतों पर खरी उतरी है सरकार’
गृह मंत्री ने कहा कि बोडोलैंड समझौता हो, ब्रू समझौता या एनएलएफटी समझौता, सरकार ने 80 प्रतिशत से अधिक शर्तों को पूरा किया है। बोडोलैंड समझौते में लगभग सभी शर्तें पूरी की गई हैं। उन्होंने कहा कि मैं पांच संगठनों और असम के मुख्यमंत्री और सभी प्रतिनिधियों को आश्वासन देता हूं कि हम कार्बी आंगलोंग क्षेत्र में लंबे समय की शांति और विकास का मार्ग बनाते हुए निर्धारित समय सीमा के भीतर समझौते में निर्धारित सभी शर्तों को पूरा करेंगे।
‘विकास का नया रास्ता खोलेगा समझौता’
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम में दो आदिवासी समूह बोडो और कार्बी असम से अलग होना चाहते थे। 2009 में बोडो समझौता हुआ और इसने असम की क्षेत्रीय अखंडता को बसाते हुए विकास का नया रास्ता खोला। आज कार्बी समझौता हुआ। इससे कार्बी आंगलोंग इलाके में शांति आएगी। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हम उनके पुनर्वास के लिए काम करेंगे। हिल्स ऑटोनोमस काउंसिल में उनको आरक्षण मिलेगा। काउंसिल को 1000 करोड़ रुपये मिलेंगे जिसमें 500 करोड़ केंद्र और 500 करोड़ राज्य सरकार देगी।
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‘केंद्र की मोदी सरकार को धन्यवाद’
असम के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘ऐतिहासिक कार्बी आंगलोंग समझौते पर हस्ताक्षर पर मैं केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं जो दशकों पुराने संकट को हल करने, असम की क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं असम के मुख्यमंत्री को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। आज के इस समझौते में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और साहसिक गृह मंत्री अमित शाह के प्रयासों का भी योगदान है।