सरकारी दफ्तरों में जल्द कर्मचारियों के कामकाज के तरीकों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अब योग उनके जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनने वाला है। काम के दौरान कर्मचारियों को योग के लिए 5 मिनट का ब्रेक मिलेगा। न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को Y-Break App डाउनलोड करने के लिए कहा है। इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद वे 5 मिनट का ‘योगा ब्रेक’ ले सकते हैं। इस ऐप को आयुष मंत्रालय ने बनाया है। सरकार ने इसे प्रमोट करने के लिए इस तरह का कदम उठाया है।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने दो दिन पहले एक आदेश जारी किया है। इसमें विभाग ने सभी मंत्रालयों से ऐप को प्रमोट करने के लिए कहा है। 2 सितंबर को जारी इस आदेश के अनुसार, ‘सरकार Y-Break App को लेकर जागरूकता बढ़ाना चाहती है। उसकी मंशा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल करें। सभी सेक्टरों के कर्मचारी (पब्लिक और प्राइवेट दोनों) इसका फायदा उठाएं। इसे देखते भारत सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों से अनुरोध किया जाता है कि वे अपने यहां Y-Break प्रोटोकॉल को बढ़ावा दें।
आदेश के मुताबिक, इस बारे में आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए जाएं। कर्मचारियों से Y-Break App को डाउनलोड करने के लिए कहा जाए। यह एक एंड्रॉयड बेस्ड ऐप है। इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
आयुष मंत्रालय ने हाल में ही इस मोबाइल ऐप को लॉन्च किया था। एक भव्य समारोह में इसे लॉन्च किया गया था। इसमें छह मंत्री शामिल हुए थे। इस समारोह में डीओपीटी मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने कानून मंत्री किरेन रिजिजू से आग्रह किया था कि कार्यस्थल पर पांच मिनट के लिए योग पर एक कानून बनाया जाए ताकि लोग इसका लाभ उठा सकें।
मौके पर मौजूद मंत्रियों ने ऐप में बताए गए योगासन का डिमॉन्सट्रेशन दिया था। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि यह ऐप बहुत क्षमता रखता है। यह ‘जंगल में आग की तरह फैलेगा’। आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा था कि पांच मिनट का योग प्रोटोकॉल विशेष रूप से वर्किंग प्रफेशनल्स के लिए डिजाइन किया गया है। इसका मकसद प्रोडक्टिविटी बढ़ाना है। यह तभी संभव है जब कार्यस्थल पर काम का तनाव कम हो और कर्मचारी तरोताजा महसूस करें। प्रोटोकॉल में कुछ आसन, प्राणायाम और ध्यान को शामिल किया गया है।
सोनोवाल ने 1 सितंबर को कहा था, ‘हम जानते हैं कि कॉरपोरेट प्रफेशनल्स अक्सर अपने काम के कारण तनाव महसूस करते हैं। ऐसी ही समस्याएं दूसरे सेक्टर के कर्मचारियों के साथ भी हैं। कामकाजी आबादी को ध्यान में रखते हुए यह Y-Break ऐप डेवलप किया गया है। यह कर्मचारियों को कार्यस्थल पर कुछ राहत देगा।’