सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो 2000-2500 फ्लैट तैयार होने वाले हैं उनका बकाया फ्लैट बायर्स 15 अक्टूबर तक चुकाएं। सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में हिदायत भी दी कि दिसंबर तक तैयार होने वाले फ्लैट के बकाया का भुगतान नहीं करने पर फ्लैट कैंसल करने का आदेश भी जारी हो सकता है। वहीं कोर्ट को बताया गया कि आम्रपाली प्रोजेक्ट को कंसोर्टियम ऑफ बैंक जल्दी ही फंडिंग शुरू कर देगी।
सुप्रीम कोर्ट में बायर्स के वकील एमएल लाहोटी ने बताया कि नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) ने कहा है कि अगर 200 करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिए जाएंगे तो दिसंबर 2021 तक दो हजार से ढाई हजार फ्लैट तैयार कर हैंडओवर किए जा सकते हैं। अदालत से लाहोटी ने कहा कि उनकी एनबीसीसी के अधिकारियों से बात हुई है और उन्होंने बताया है कि अगर 200 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे तो दो से ढाई हजार फ्लैट तैयार हो जाएंगे। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि आपके पास उसके लिए डेटा उपलब्ध हैं कि कौन से फ्लैट हैं? इस दौरान एनबीसीसी ने कहा कि ऐसे फ्लैट 2000 से 2500 हैं।
लाहोटी ने एनबीटी को बताया कि इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में हिदायत दी कि जिन 2000 से 2500 फ्लैट एनबीसीसी दिसंबर 2021 तक तैयार करने की बात कर रही है ऐसे में उसके बॉयर्स अपने बकाया 15 अक्टूबर तक भुगतान करना सुनिश्चित कराएं अन्यथा फ्लैट कैंसल करने पर भी फैसला हो सकता है। इस दौरान कोर्ट को बताया गया कि बॉयर्स जो पेमेंट स्कीम है उसके तहत भुगतान कर रहे है। वहीं लाहोटी ने बताया कि कंसोर्टियम ऑफ बैंक की ओर से कहा गया है कि जल्दी ही प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग करेंगे। इसके लिए कागजी कार्रवाई पूरी हो गई है और एक महीने में नवरात्र तक प्रोजेक्ट को फंडिंग हो पाएगी।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बॉयर्स के वकील लाहोटी ने बताया कि हजारों होम बॉयर्स ने सबवेंशन स्कीम के तहत फ्लैट बुक किए थे। इसके तहत एक तय अवधि तक बिल्डर को किश्तों के ब्याज का भुगतान करना था लेकिन मामले में आम्रपाली बिल्डर की तरफ से पेमेंट डिफॉल्ट किए जाने के कारण बॉयर्स पर बोझ पड़ गया है। बॉयर्स को बैंक और डीआरटी आदि से समन आ रहे हैं। जबकि फॉल्ट उनका नहीं है। इस दौरान कोर्ट रिसिवर ने अदालत को बताया कि ऐसे बॉयर्स कई हैं जिन्होने खुद से पेमेंट किया है। साथ ही आम्रपाली बिल्डर के डिफॉल्ट करने के कारण बैंकों की किश्त रूकी है। ऐसे में इन बॉयर्स के लोन को रीस्ट्रक्चर किए जाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बैंकों से जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान आम्रपाली के उन 9500 फ्लैट की बुकिंग कैंसल करने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा था जिनके बॉॉयर्स सामने नहीं आए हैं और कोई दावेदारी क्लेम नहीं कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि ऐसे 9538 फ्लैट हैं जिनमें फ्लैट बॉयर्स रजिस्ट्रेशन के लिए नहीं आए और न ही कोई पेमेंट आया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इन फ्लैट बॉयर्स को 15 दिनों का नोटिस दिया जाए और अगर फ्लैट बॉयर्स सामने नहीं आते हैं और अपना रजिस्ट्रशन अपडेट कर बकाया पेमेंट नहीं करते हैं तो इन फ्लैट्स को कैंसल करने की प्रक्रिया कोर्ट रिसिवर शुरू करेंं।
सुप्रीम कोर्ट में आम्रपाली प्रोजेक्ट के लिए बैंकों की फंडिंग का मामला उठाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा था कि आम्रपाली प्रोजेक्ट कोर्ट का प्रोजेक्ट है। ऐसे में किसी पर्सनल गारंटी या फिर अन्य तरह के गांरटी और मार्गेज की जरूरत नहीं है। ये कोर्ट मॉनिटर्ड प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट में किसी भी तरह का कोई घाटा नहीं होने जा रहा है। इसलिए बैंकों को चिंता करने की जरूत नहीं है और वह आगे आएं।