17 महीने बाद दिल्ली के स्कूलों में लौटी रौनक, बारिश में भी पहुंचे बच्चे
इस बीच, दिल्ली में कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण लंबे समय से बंद स्कूल आखिरकार नौंवी से बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए बुधवार को खुल गए। शहर में आज हुई भारी बारिश के बीच छात्र हाथ में छाता लिए, मुंह पर मास्क लगाए स्कूल जाते नजर आए। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘17 महीने के बाद आज स्कूल खुले हैं, बच्चे फिर से अपनी कक्षाओं में बैठकर पढ़ाई करेंगे, दोस्तों के साथ मस्ती करेंगे। और हां, बारिश के बावजूद बच्चे स्कूल पहुंचे, ज़ाहिर है कि बच्चे भी बड़ी बेसब्री से अपने स्कूलों के खुलने का इंतज़ार कर रहे थे।’
7 सितंबर से दिल्ली में छठी से 8वीं तक के स्कूल भी खुल जाएंगे
कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम होने के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने गत शुक्रवार को घोषणा की थी कि एक सितंबर से नौंवी से बारहवीं कक्षा तक के लिए स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान खोले जाएंगे। दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया था कि किसी भी छात्र को स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और इसके लिए अभिभावकों की अनुमति अनिवार्य होगी।
स्कूलों ने बच्चों का किया इस्तकबाल
वसुंधरा एन्क्लेव स्थित ‘गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल’ की प्रमुख उषा राजपूत ने न्यूज एजेंसी भाषा से कहा, ‘हम पूरी तरह स्कूल खोलने को तैयार हैं। हमने परिसर को रोगाणु मुक्त किया है और हमारे सभी कर्मचारियों को टीके लग चुके हैं। छात्र स्कूल वापस आकर काफी खुश हैं। अब उनके सभी सवालों का झटपट जवाब दिया जाएगा। बच्चों को भी स्कूल की बहुत याद आ रही थी। संक्रमण की तीसरी लहर चिंता का विषय है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि पूरे एहतियात के साथ हम सुचारू रूप से स्कूल का संचालन कर पाएंगे।’
स्कूलों में सैनिटाइजर, बच्चों के शरीर का तापमान भी मापा गया
स्कूलों में बच्चों के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था दिखी। सभी बच्चों के शरीर का तापमान भी दर्ज किया गया। पूर्वी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल के छात्र ने कहा, ‘मैं अपने दोस्तों से मिलने को काफी उत्साहित हूं। यह नए तरीके का सामान्य जीवन है और हमें इसके साथ जीना सीखना होगा।’छात्र ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं, द्वारका के ‘माउंट कार्मेल स्कूल’ की कम से कम एक महीने तक परिसर खोलने की कोई योजना नहीं है, क्योंकि उसके सभी कर्मचारियों को अभी तक टीके नहीं लगे हैं। उसने अभी ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने का फैसला किया है। (नोट- तस्वीर चेन्नै के एक स्कूल की है)
यूपी में पहली से पांचवीं तक के स्कूल खुले
उधर, उत्तर प्रदेश में कक्षा एक से पांच तक के स्कूल कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के बाद बुधवार को पहली बार खोले गए। हालांकि स्कूल खुले जरूर, लेकिन उनमें बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही। बच्चों के स्वागत के लिए कुछ स्कूलों ने परिसर में दाखिल होने वाले गेट पर सजावट की और बच्चों को टॉफी इत्यादि वितरित की, बच्चों को प्रवेश देने से पहले उनके हाथों को सैनिटाइज भी किया गया। लखनऊ के एक निजी स्कूल में कक्षा तीन के छात्र हर्ष ने कहा कि उसे स्कूल खुलने की बहुत खुशी है और लंबे समय बाद अब वह अपने दोस्तों से मिल सकेगा। हालांकि, हर्ष की मां मेघा कोविड-19 संक्रमण की आशंका को लेकर चिंतित नजर आईं उन्होंने कहा कि अगर संक्रमण के मामले बढ़े तो वह अपने बच्चे को स्कूल नहीं जाने देंगी।
कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन
प्रदेश में कक्षा नौ से 12 तक के स्कूल पिछली 16 अगस्त से जबकि कक्षा छह से आठ तक के स्कूल पिछली 24 अगस्त से खोले जा चुके हैं। कक्षा 1 से 5 तक के स्कूल पिछले साल कोविड-19 महामारी शुरू होने के कारण मार्च 2020 में बंद किए गए थे। उसके बाद से आज इन्हें कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए पहली बार खोला गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूल खुलने पर बच्चों को बधाई देते हुए बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि कोरोना महामारी के कारण लंबे समय से बंद विद्यालयों को आज एक सितंबर से पुनः खोला जा रहा है, सभी बच्चों को ढेर सारी शुभकामनाएं।
तमिलनाडु में भी 9वीं से 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए खुल गए स्कूल
वहीं, तमिलनाडु में कोविड-19 के कड़े नियमों का पालन करते हुए नौंवी से बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल बुधवार को खुल गए। वहीं, राज्य में कॉलेज परिसर में भी कक्षाएं शुरू हो गईं। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, तमिलनाडु सरकार ने 20 मार्च को घोषणा की थी कि 22 मार्च से अगले आदेश तक नौंवी, 10वीं और 11वीं की कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल बंद रहेंगे, जबकि 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खुले रहेंगे क्योंकि उनकी बोर्ड की परीक्षाएं होनी है।
राजस्थान में भी खुले स्कूल
राजस्थान में नौवीं से बारहवीं कक्षाओं के लिए स्कूलों में पढ़ाई बुधवार को फिर शुरू हो गई। इन कक्षाओं के लिए सरकारी और निजी स्कूल चार महीने से भी अधिक समय तक बंद रहने के बाद बुधवार को फिर से खुल गए। राज्य के शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत की कटौती भी की है। पहले दिन छात्रों की उपस्थिति अधिक नहीं रही क्योंकि ऑनलाइन कक्षाएं भी एक साथ आयोजित की जा रही हैं। पोद्दार वर्ल्ड स्कूल की प्रिंसिपल सुमिता मिन्हास ने कहा, ‘हमने जितने स्टूडेंट्स के आने की उम्मीद की थी, पहले दिन तकरीबन उसके आधे ही स्टूडेंट आए, लेकिन पहले दिन आने वाले छात्र खुश और उत्साहित हैं। हमने उनसे कहा है कि वे अति उत्साहित न हों और अपनी सुरक्षा व बचाव के लिए सभी मानदंडों और प्रोटोकॉल का पालन करें।’
तेलंगाना में आवासीय सरकारी संस्थानों को छोड़ सारे स्कूल खुले
तेलंगाना में बुधवार को आवासीय सरकारी संस्थानों को छोड़कर सारे स्कूल, कॉलेज कोविड-19 दिशानिर्देशों के पालन के साथ फिर से खुल गए। मंगलवार को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पहली से 12वीं कक्षा के लिए कक्षाएं फिर से शुरू कर दी गईं। अदालत ने जहां स्कूलों को खोलने की अनुमति दी, वहीं सरकारी आवासीय स्कूलों को चार सप्ताह के लिए ऑफ-लाइन कक्षाएं आयोजित करने से रोक दिया गया।
स्कूल आकर बच्चे खुश नजर आए
स्कूल आकर बच्चे खुश नजर आए। तस्वीर तमिलनाडु के एक स्कूल की छात्राओं की है। उधर, मध्य प्रदेश में भी 50 फीसदी उपस्थिति के साथ कक्षाएं संचालित करने की अनुमति दी गई। बुधवार को छात्रों की उपस्थिति कम रही, हालांकि बच्चे करीब 17 महीने बाद दोबारा स्कूल आकर खुश नजर आए। भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने भाषा से कहा कि स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि कोविड नियमों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
पिछले साल मार्च से ही बंद थे स्कूल
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने देशभर में विद्यालयों के खुलने की स्थिति और उनके कर्मियों को टीका लगाने के रोडमैप की बुधवार को समीक्षा की। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए राष्ट्रीय लॉकडाउन से पहले पिछले साल मार्च में विद्यालयों को बंद कर दिया गया था। केंद्र ने पिछले साल अक्टूबर में विद्यालयों को उनके राज्यों में कोविड-19 की स्थिति के अनुसार खोलने की अनुमति दी थी। कुछ राज्य आंशिक रूप से विद्यालय खोलने ही लगे थे कि इस साल अप्रैल में उन्हें पूरी तरह बंद कर दिया गया क्योंकि देश में कोविड -19 की दूसरी भयावह लहर आ गई। कोविड-19 की स्थिति में सुधार के साथ ही अब कई राज्यों ने विद्यालयों को खोलना शुरू कर दिया है।