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नई दिल्ली
सरकार के एसेट मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) प्रोग्राम पर कांग्रेस और भाजपा में रार बढ़ गई है। मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने इसके जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर देश की संपत्तियों को बेचने का आरोप लगाया। भाजपा ने इस पर पलटवार किया। पार्टी की ओर से इसकी कमान संभाली केंद्रीय मुख्तार अब्बास नकवी और स्‍मृति ईरानी ने। दोनों अपने-अपने अंदाज में राहुल को जवाब दिया।

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस को ‘नॉन-परफॉर्मिंग एसेट’ (NPA) करार दिया। नकवी ने कहा कि कांग्रेस खुद ऐसी ‘नॉन-परफार्मिंग एसेट’ है जिसका न बाहर कहीं भाव है न अंदर वाले इसका कोई मोल लगा रहे हैं।

कांग्रेस बवंडर की बाहुबली
नकवी बोले, ‘कांग्रेस कन्फ्यूजन और कंट्राडिक्शन का चैंपियन बनने में लगी है। एक तरफ नरेंद्र मोदी सरकार और भाजपा देश के निर्माण में लगे हैं। वहीं, कांग्रेस देश में ‘डिस्ट्रक्शन की डुगडुगी’ पीट रही है।’ नकवी ने तंज कसते हुए कहा, ‘बवंडर की बाहुबली कांग्रेस के हालत पर इतना ही कहा जा सकता है, “गुड लक एंड गेट वेल सून”।’

‘पीएम ने सब कुछ बेच दिया’, राहुल गांधी का केंद्र पर तीखा हमला, 2-3 उद्योगपतियों के लिए सरकार कर रही काम

स्‍मृति ने भी खोला मोर्चा
केंद्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी ने भी राहुल गांधी को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्‍होंने कहा कि पक्‍का है कि राहुल गांधी ने वित्‍त मंत्री की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस नहीं देखी होगी। न ही उन्‍होंने अखबार पढ़ा होगा। उन्‍होंने सोशल मीडिया पर उपस्थित तथ्‍यों को भी नहीं जांचा होगा।

सरकार का बचाव करते हुए स्‍मृति बोलीं कि वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निश्चित रूप से कहा है कि मोनेटाइजेशन के माध्‍यम से भारत की तिजोरी में 6 लाख करोड़ रुपये आएगा। निश्चित रूप से सरकार ने कहा है कि एक भी एसेट से भारत सरकार की ‘ओनरशिप’ नहीं हटेगी।

उन्‍होंने कहा कि सवाल यह उठता है कि अगर मोनेटाइजेशन से राहुल गांधी और कांग्रेस को इतनी तकलीफ है तो ये बताएं कि मुंबई-पुणे एक्‍सप्रेसवे को मोनेटाइज कर 8,000 करोड़ रुपये जुटाए गए तब क्‍या कांग्रेस देश बेच रही थी? साल 2006 में जब एयरपोर्ट को प्राइवेटाइज किया गया तो क्‍या वह देश बेच रही थी? क्‍या राहुल गांधी का आरोप है कि जिस सरकार को उनकी माता जी चला रही थीं, तो क्‍या वह देश बेच रही थीं? स्‍मृति बोलीं कि पारदर्शिता के साथ जिस सरकार ने राष्ट्र की तिजोरी को भरने का काम किया और कांग्रेस के लुटेरों से सुरक्षित किया उस सरकार पर छींटाकशी करने का राहुल गांधी का प्रयास है।

राहुल गांधी ने क्‍या कहा?
इसके पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एसेट मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) प्रोग्राम की घोषणा को युवाओं के ‘भविष्य पर हमला’ करार दिया। सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70 साल में बनी देश की पूंजी को अपने कुछ उद्योगपति मित्रों के हाथों में बेच दिया। उन्होंने यह दावा भी किया कि कुछ कंपनियों को यह ‘उपहार’ देने से उनका एकाधिकार बनेगा जिस कारण देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाएगा। राहुल ने ट्वीट कर सरकार के एनएमपी प्रोग्राम को राष्‍ट्रीय ‘मित्रि’करण योजना करार दिया।

क्‍या है एनएमपी?
मोदी सरकार ने सरकारी संपत्तियों को जल्‍द बेचने के लिए नया प्रोग्राम बनाया है। इसे नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) प्रोग्राम नाम दिया गया है। इस प्रोग्राम के तहत केंद्र सरकार चार साल में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर एसेट (बुनियादी ढांचा संपत्तियों) की बिक्री से पैसे जुटाएगी। ये एसेट करीब छह लाख करोड़ रुपये के हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) प्रोग्राम का ऐलान किया था। इन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर एसेट में रेल, सड़क, बिजली क्षेत्र से लेकर टेलीकॉम, वेयरहाउसिंग, एयरपोर्ट, पोर्ट, माइनिंग और स्‍टेडियम तक शामिल हैं। वित्‍त मंत्री ने बताया है कि एसेट्स के मोनेटाइजेशन (संपत्तियां बेचकर पैसा जुटाना) में जमीन की बिक्री शामिल नहीं है। यह मौजूदा संपत्तियों (ब्राउनफील्ड एसेट्स) की बिक्री से जुड़ा प्रोग्राम है।

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