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नई दिल्‍ली
मोदी सरकार ने सरकारी संपत्तियों को जल्‍द बेचने के लिए नया प्रोग्राम बनाया है। इसे नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) प्रोग्राम नाम दिया गया है। इस प्रोग्राम के तहत केंद्र सरकार चार साल में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर एसेट (बुनियादी ढांचा संपत्तियां) की बिक्री से पैसे जुटाएगी। ये एसेट करीब छह लाख करोड़ रुपये के हैं। इनमें रेल, सड़क, बिजली क्षेत्र से लेकर टेलीकॉम, वेयरहाउसिंग, एयरपोर्ट, पोर्ट, माइनिंग और स्‍टेडियम तक शामिल हैं। सरकार की इस योजना पर कांग्रेस ने तीखा हमला किया है। उसने मोदी सरकार पर देश बेचने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा है, ‘वो कहते थे- मैं देश नहीं बिकने दूंगा। अब देश को समझ आ गया है कि किस पर विश्‍वास नहीं किया जाए।’

क्‍या है सरकार का प्‍लान?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) प्रोग्राम का ऐलान किया। इसके तहत सरकार की रेलवे, बिजली से लेकर सड़क जैसे अलग-अलग इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर एसेट को बेचकर पैसा जुटाने की तैयारी है। इसके तहत छह लाख करोड़ रुपये के एसेट्स की बिक्री की जाएगी। यह बिक्री 4 साल में होगी। वित्‍त मंत्री ने बताया है कि एसेट्स के मोनेटाइजेशन (संपत्तियां बेचकर पैसा जुटाना) में जमीन की बिक्री शामिल नहीं है। यह मौजूदा संपत्तियों (ब्राउनफील्ड एसेट्स) की बिक्री से जुड़ा प्रोग्राम है।

जमीन नहीं बेची जाएगी.. वित्त मंत्री ने बताया क्या है तैयारी, रेलवे स्टेशन, स्टेडियम, ट्रेन, पोर्ट भी लिस्ट में
क्‍या है मकसद?
वित्त मंत्री ने बताया है कि एसेट मोनेटाइजेशन से संपत्तियों का वैल्‍यूशएन बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके लिए सड़क, रेल, बिजली, टेलीकॉम, माइनिंग, पावर जेनरेशन, पोर्ट्स, स्‍टेडियम सहित अलग-अलग क्षेत्रों में परियोजनाओं की पहचान की गई है। एसेट्स का स्वामित्व सरकार के पास बना रहेगा और उनका नियंत्रण वापस करना अनिवार्य होगा।

कांग्रेस का हमला, बताया क्‍या-क्‍या बेच रही है?
कांग्रेस ने सरकार की इस योजना पर हमला किया है। उसने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने में लगी हुई है। मोदी सरकार टेलीकॉम से लेकर हर क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने को तैयार है। कांग्रेस ने बताया है कि सरकार इस प्रोग्राम के तहत 2.86 लाख किमी के भारतनेट फाइबर, बीएसएनएल और एमटीएनएल टावर बेचने जा रही है। इसके अलावा वह 160 कोल माइनिंग प्रोजेक्‍ट्स, 761 मिनरल ब्लॉक के साथ 2 नेशनल स्‍टेडियम का सौदा कर रही है। एनएचपीसी, एनटीपीसी और एनएलसी के एसेट्स भी बेचे जाएंगे। यही नहीं, सरकार 26,700 किमी के नेशनल हाईवे, 400 स्‍टेशन, 150 ट्रेन, रेलवे ट्रैक, 25 एएआई एयरपोर्ट भी बेच रही है।

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हदें कर दी हैं पार
कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने सारी हदें पार कर दी हैं। वह अब हमारी राष्ट्रीय संपत्ति को तेजी से बेचने की योजना लेकर आई है।
जब से मोदी सरकार ने शासन संभाला है, तब से देश की संपत्तियों को बेचने में लगी है। सरकार की नजर राष्ट्रीय संपत्तियों पर है, उनको बेचकर खजाना भरने पर है। मोदी सरकार राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने में लगी हुई है। मोदी सरकार टेलीकॉम से लेकर हर क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने को तैयार है। केंद्र सरकार राष्ट्र निर्माण के लिए नीति निर्धारित करने के बजाय राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने के लिए नीति बना रही है। वह राष्ट्रीय संपत्ति को बेचना बंद करे और राष्ट्र निर्माण की तरफ ध्यान दे। सरकार का राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने का फैसला राष्ट्र विरोधी है। उसे समझना होगा कि राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचना विकास नहीं होता।

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