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नई दिल्ली
अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्‍जे के बाद हालात नाजुक हैं। डर से लोग देश छोड़ने की नाकाम कोशिश में लगे हैं। सड़कों पर ‘असलहा और बंदूकधारी’ तालिबानियों का खौफ कायम है। काबुल से कंधार तक लोग घरों में बंद हो गए हैं। इस बीच भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई ने दुनिया से मदद की गुहार लगाई है।

मामुन्दजई ने कहा है कि उनका देश एक कठिन समय से गुजर रहा है। केवल बेहतर नेतृत्व, सहानुभूतिपूर्ण रवैये और अफगान लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन से ही ‘मुसीबतों’ का अंत होगा।

अफगानी राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान की ‘पीड़ा’ मानव निर्मित है। उन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में अफगान लोगों की पीड़ा पर सभी ‘भारतीय मित्रों’ और नई दिल्ली में राजनयिक मिशनों से मिले सहानुभूतिपूर्ण और समर्थन जाहिर करने वाले संदेशों की सराहना की।

तालिबान की ओर से अफगानिस्तान की राजधानी काबुल समेत लगभग सभी महत्वपूर्ण कस्बों और शहरों में कब्जा करने के कुछ दिनों बाद उनका यह बयान आया है।

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मामुन्दजई ने ट्विटर पर कहा, ‘मैं पिछले कुछ हफ्तों में विशेष रूप से पिछले सात से आठ दिनों में अफगानों की पीड़ा पर सभी भारतीय मित्रों और नई दिल्ली में राजनयिक मिशनों के सहानुभूतिपूर्ण और समर्थन दिखाने वाले संदेशों की सराहना करता हूं।’

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उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान एक कठिन समय से गुजर रहा है और केवल अच्छा नेतृत्व, सहानुभूतिपूर्ण रवैये और अफगान लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन से ही इन दुखों को कुछ हद तक समाप्त किया जा सकता है।’

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां स्थितियां खराब होती जा रही हैं। इस बीच भारत अफगान राजधानी से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के अपने प्रयासों के तहत तीन उड़ानों के जरिये दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस ले आया।

farid



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