अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत में भी कई ‘तालिबानी हमदर्द’ सामने आए हैं। ये खुलकर तालिबान का पक्ष लेते रहे हैं। सिलसिला तभी शुरू हो गया था जब अफगानिस्तान से राष्ट्रपति अशरफ गनी के भागने के बाद तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था। इन ‘भटकी’ सोच वालों ने बार-बार ‘हिंदुत्व’ को टारगेट किया। इस तरह की मुहिम चलाने की नाकाम कोशिश की कि देश में मुसलमानों की स्थिति भी सही नहीं है।
इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। पहली तस्वीर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक मुस्लिम महिला की समस्या सुनते दिख रहे हैं। खास बात यह है कि मुस्लिम महिला कुर्सी पर बैठी है। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ महिला की लिखित शिकायत गंभीरता से खड़े होकर पढ़ रहे हैं। इस दौरान मुस्लिम महिला में किसी तरह का कोई डर या खौफ नजर नहीं आ रहा है। मालूम दे रहा है कि वह अपने जनप्रतिनिधि से पूरे अधिकार से मिलने पहुंची हैं।
दुबकी हुई महिला की पिटाई
वहीं, दूसरी तस्वीर अफगानिस्तान की दिखती है। इसमें मजमा लगाए बैठे लोगों के सामने एक तालिबानी व्यक्ति डंडे से दुबकी हुई महिला की पिटाई कर रहा है। कोई उसे बचाने के लिए आगे नहीं आ रहा है। घेरा बनाए लोगों का झुंड तमाशबीन बना बैठा है।
सेहरावत ने ये दोनों तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, ‘बस इतना सा फर्क है हिंदुत्व और तालिबान में।’ उनके इस ट्वीट के बाद तमाम लोगों ने सेहरावत का समर्थन किया। इसे सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया। लोगों ने रीट्वीट करते हुए जमकर प्रतिक्रियाएं दीं। लोगों ने तालिबानी तौर-तरीकों का विरोध किया।
कई ‘हमदर्द’ आ चुके हैं सामने
इसके पहले 75वें स्वतंत्रता दिवस पर तालिबानी सोच रखने वालों का एक गैंग ‘ट्विटर स्पेस’ पर चर्चा के लिए जुड़ा था। इसमें चर्चा का शीर्षक था ‘क्या देश का मुसलमान आजाद है?’ इनमें जामिया का ‘छात्र’ और दिल्ली दंगों का आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा भी शामिल था। ये सभी लोग अफगानिस्तान में तालिबान के लौटने पर खुलकर खुशी का इजहार कर रहे थे। ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था।
और लोग भी कर चुके हैं समर्थन
इसी तरह मशहूर उर्दू शायर मुनव्वर राना ने तालिबान की वकालत की थी। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से की थी। उत्तर प्रदेश के संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी तालिबान को डिफेंड करते हुए उसकी तुलना भारत की आजादी के लिए लड़े स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से की थी। शुक्रवार को AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि देश में करीब 10 फीसदी बच्चियों की मौत पांच साल से कम उम्र में हो जाती है, लेकिन चिंता अफगानिस्तान की हो रही है।