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हाइलाइट्स

  • जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से इमर्जेंसी यूज की मिली इजाजत
  • यह भारत में बनी दुनिया की पहली डीएनए आधारित कोरोना वैक्सीन है, 12 साल और उससे ऊपर के बच्चों को भी लगेगी
  • जायडस कैडिला की इस वैक्सीन की 3 खुराक लगेगी, अब भारत में लगने के लिए कोरोना की छठी वैक्सीन उपलब्ध

नई दिल्ली
दुनिया की पहली और भारत में बनी डीएनए बेस्ड कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने जायडस कैडिला की इस वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज की इजाजत दे दी है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह वैक्सीन 12 साल और उससे ऊपर के बच्चों को भी लगाई जाएगी। इस तरह देश में जल्द ही 12 साल से ऊपर के बच्चों का वैक्सीनेशन भी शुरू होने वाला है। फिलहाल देश में 18 साल या उससे ऊपर के लोगों को ही वैक्सीन दी जा रही है।

12 से 18 साल के बच्चों को भी लगेगी यह वैक्सीन
न्यूज एजेंसी एएनआई ने मिनिस्ट्री ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी के हवाले से बताया कि शुक्रवार को DCGI ने जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी जो दुनिया की डीएनए बेस्ड पहली कोरोना वैक्सीन है। इसे 12 साल और ऊपर के बच्चों और वयस्कों को लगाया जाएगा।

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3 खुराक वाली कोरोना वैक्सीन
जायडस कैडिला की यह कोरोना वैक्सीन 3 डोज वाली है। इसका भारत में अबतक 50 से अधिक केंद्रों पर सबसे बड़ा क्लिनिकल ट्रायल किया गया है। अहमदाबाद स्थित फार्मा कंपनी ने 1 जुलाई को वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने के लिए DCGI के पास आवेदन भेजा गया था।

भारत कोरोना वायरस से पूरी ताकत से लड़ रहा है। जायडस कैडिला की दुनिया की पहली डीएनए बेस्ड ZyCov-D वैक्सीन को मंजूरी मिलना भारत के वैज्ञानिकों के इनोवेशन को लेकर उत्साह का प्रमाण है। वास्तव में एक महत्वपूर्ण कमाल।

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भारत में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हुई छठी कोरोना वैक्सीन
जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के साथ ही अब देश में कोविड की कुल 6 कोविड वैक्सीन हो गई हैं, जिनका इस्तेमाल हो सकेगा। इससे पहले सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, रूस की स्पूतनिक वी, और अमेरिका की मॉडर्ना और जॉनसन ऐंड जॉनसन की वैक्सीन इस्तेमाल हो रहा है।

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कैसे काम करती है डीएनए वैक्सीन

जायडस कैडिला की यह कोरोना वैक्सीन दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन है। इसके जरिए जेनेटिकली इंजीनियर्ड प्लास्मिड्स को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। इससे शरीर में कोविड-19 के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन होता है और इस तरह वायरस से बचाव वाले एंटीबॉडी पैदा होते हैं। ज्यादातर कोरोना वैक्सीन के 2 डोज लगते हैं लेकिन कैडिला की इस वैक्सीन के 3 डोज लगेंगे।

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नहीं होगा दर्द, सूई से नहीं बल्कि खास डिवाइस से लगेगी
इस वैक्सीन के बारे में एक और खास बात है। यह सूई से नहीं लगाई जाएगी। इसे एक खास डिवाइस के जरिए लगाया जाएगा। जायडस कैडिला का दावा है कि इस मेथड से वैक्सीन लगने की वजह से दर्द नहीं होगा। कंपनी का तो यहां तक दावा है कि इससे वैक्सीन के साइड इफेक्ट भी कम हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर



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