हाइलाइट्स
- SP सांसद ने अफगानिस्तान में तालिबान की लड़ाई को बताया सही
- एसपी नेता ने कहा- तालिबान के नेतृत्व में अमेरिका से आजादी चाहते हैं वहां के लोग
- सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के बयान के बाद शुरू हुई राजनीति, लोगों ने किया विरोध
अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबानी हुकूमत का कब्जा हो गया है। समूचे अफगानिस्तान की अस्थिर स्थितियों एवं बेकाबू हालात के बीच जहां भारत अपने लोगों की सुरक्षित घर वापसी की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत के कुछ राजनेता तालिबान के रवैये के समर्थन में बयान देने लगे हैं। बयान देने वालों में समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान जैसे लोग शामिल हैं, जो इस देश के लोकतंत्र की शपथ लेकर लोकसभा में नुमाइंदगी करते हैं।
सोमवार को तालिबान के समर्थन में बयान देते हुए बर्क ने अफगानिस्तान में तालिबानी गतिविधियों को आजादी की लड़ाई बताया। बर्क ने कहा कि तालिबान अफगानी लोगों की अजादी की लड़ाई लड़ रहा है। अफगानिस्तान की आजादी उसका अपना मसला है। आखिर अफगानिस्तान में अमेरिकी हुकूमत क्यों? तालिबान वहां की ताकत है और अफगान लोग उसकी अगुवाई में आजादी चाहते हैं।’
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पीस पार्टी ने भी किया समर्थन
एसपी सांसद के अलावा यूपी के क्षेत्रीय दल पीस पार्टी के प्रवक्ता शादाब चौहान ने भी तालिबान का समर्थन करते हुए कहा, ‘जब अमेरिका और तालिबान की पीस डील हो रही थी तो भारत का प्रतिनिधि वहां मौजूद था। जब भारत सरकार ने उस पीस डील का विरोध नहीं किया तो हम क्यों अपने पड़ोसी देश में बनने वाली सरकार से दुश्मनी लें।’
दिल्ली दंगों के आरोपी का ऑडियो भी हुआ वायरल
पीस पार्टी के नेता फैज अहमद फैजी भी इसी सुर में सुर मिलाते दिखे। फैजी ने अपने बयान में कहा,’अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन नहीं, व्यवस्था का परिवर्तन हुआ है। दुनिया के हर नागरिक को ये अधिकार है कि वो अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़े।’ ऐसा नहीं है कि भारत में तालिबान का समर्थन करने वाले सिर्फ सियासी लोग हैं। तालिबान के समर्थकों की जमात में जामिया का ‘छात्र’ और दिल्ली दंगों का आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा भी शामिल रहा है। रविवार को इकबाल और उसके साथी ऑनलाइन जुड़े थे और अफगानिस्तान में तालिबान के लौटने पर खुलकर खुशी का इजहार कर रहे थे। ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है।
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भारतीयों को रेस्क्यू करने में जुटा विदेश मंत्रालय
बता दें कि अफगानिस्तान की अस्थिर स्थितियों के बीच भारत सरकार ने वहां मौजूद अपने लोगों को निकालने के लिए मेगा रेस्क्यू ऑपरेशंस शुरू किए हैं। काबुल समेत अफगानिस्तान के अन्य शहरों में मौजूद भारतीय लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सरकार ने वायुसेना को ऑपरेशन में लगा दिया है। इंडियन एयरफोर्स के सी-17 एयरक्राफ्ट को लोगों के रेस्क्यू के लिए लगाया गया है। भारत सरकार के अधिकारियों ने बताया है कि अफगानिस्तान की हालिया स्थितियों के बीच वहां पर भारत के राजदूत और कुछ मिशन ऑफिसर्स मौजूद हैं। इसके अलावा ITBP के 150 जवान भी काबुल में मौजूद हैं, जिन्हें जल्द ही एयरलिफ्ट करा लिया जाएगा।
शफीकुर्रहमान बर्क