नई दिल्ली
कानूनी सेवा से जुड़े एक ऐप के जरिए देश के किसी भी स्थान से कुछ ही सेकेंड में कानूनी सहायता के लिए आवेदन किया जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने रविवार कानूनी सेवा से जुड़े इस ऐप के लॉन्च के मौके पर कहा कि इस ऐप के जरिए लीगल सेवा और संस्थानों से जुड़ी जानकारी फीड की जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी कानूनी सहायता प्रणाली हमारी है। 25 साल पहले शुरू हुए कानूनी सहायता आंदोलन ने अब गति पकड़ ली है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि कोरोना के बावजूद हम अपनी कानूनी सहायता सेवाओं को जारी रखने में सफल हुए हैं। CJI ने कहा कि यह ऐप कानूनी सेवाओं और संस्थानों में काम करने वाले लोगों के फोन में अनिवार्य रूप से इंस्टॉल होना चाहिए।
कानूनी सेवा से जुड़े एक ऐप के जरिए देश के किसी भी स्थान से कुछ ही सेकेंड में कानूनी सहायता के लिए आवेदन किया जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने रविवार कानूनी सेवा से जुड़े इस ऐप के लॉन्च के मौके पर कहा कि इस ऐप के जरिए लीगल सेवा और संस्थानों से जुड़ी जानकारी फीड की जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी कानूनी सहायता प्रणाली हमारी है। 25 साल पहले शुरू हुए कानूनी सहायता आंदोलन ने अब गति पकड़ ली है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि कोरोना के बावजूद हम अपनी कानूनी सहायता सेवाओं को जारी रखने में सफल हुए हैं। CJI ने कहा कि यह ऐप कानूनी सेवाओं और संस्थानों में काम करने वाले लोगों के फोन में अनिवार्य रूप से इंस्टॉल होना चाहिए।
भारतीय राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने लीगल एड सर्विस ऐप लॉन्च किया। CJI ने कहा कि कानूनी सहायता के संवैधानिक अधिकार और मुफ्त कानूनी सहायता सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी का प्रसार आवश्यक है।उन्होंने सुझाव दिया कि कानूनी सहायता के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए डाक विभाग की सेवाओं का भी उपयोग किया जा सकता है।