कोच्चि
भारत में कोविड की वजह से होने वाली मौत के मामले में केरल का आंकड़ा सबसे अधिक है। यहां हर सप्ताह प्रति दस लाख की आबादी पर मृतकों की संख्या 24 है, जो कि सबसे अधिक है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां मौत का आंकड़ा 12 है। 9 मृत्यु के साथ ओडिशा तीसरे नंबर पर है। देश का औसत 2 मृत्यु का है। यह आंकड़े 25 जुलाई से 31 जुलाई के बीच के हैं।
भारत में साप्ताहिक आधार पर कोविड के पैटर्न की समीक्षा करने वाले स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉक्टर पद्मनाभ शिनॉय ने कहा, ‘केरल में 15 मई को केस फैटिलिटी रेशियो 0.3 प्रतिशत था, जो 31 जुलाई को 0.49 प्रतिशत हो गया।’ केरल में 7 दिनों का औसत डेली ग्रोथ रेट 0.61 प्रतिशत है, जबकि भारत का औसत 0.13 प्रतिशत है।
भारत में कोविड की वजह से होने वाली मौत के मामले में केरल का आंकड़ा सबसे अधिक है। यहां हर सप्ताह प्रति दस लाख की आबादी पर मृतकों की संख्या 24 है, जो कि सबसे अधिक है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां मौत का आंकड़ा 12 है। 9 मृत्यु के साथ ओडिशा तीसरे नंबर पर है। देश का औसत 2 मृत्यु का है। यह आंकड़े 25 जुलाई से 31 जुलाई के बीच के हैं।
भारत में साप्ताहिक आधार पर कोविड के पैटर्न की समीक्षा करने वाले स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉक्टर पद्मनाभ शिनॉय ने कहा, ‘केरल में 15 मई को केस फैटिलिटी रेशियो 0.3 प्रतिशत था, जो 31 जुलाई को 0.49 प्रतिशत हो गया।’ केरल में 7 दिनों का औसत डेली ग्रोथ रेट 0.61 प्रतिशत है, जबकि भारत का औसत 0.13 प्रतिशत है।
इस सप्ताह में सोमवार के दिन भारत में कोरोना की वजह से कुल 420 मौत दर्ज की गई। इसमें से 28 प्रतिशत यानी कि 118 मौत केरल में ही हुई। हालांकि मंगलवार को महाराष्ट्र ने 177 मृत्यु के साथ फिर से केरल (148) को पछाड़ दिया। स्वास्थ्य अर्थशास्त्री रिजो एम. जॉन ने कहा कि केरल में कोविड से मौत की बढ़ती दर चिंताजनक है।
केरल में चिंता की बात रोजाना के बेस पर कोरोना केस का बढ़ना भी है। पिछले कुछ दिनों के दौरान केरल में देश के कुल कोविड केसों का 50 प्रतिशत मामला सामने आ रहा है। रोजाना मौत का औसत भी देश के कुल मामलों का 20 से 25 प्रतिशत तक है। इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉक्टर अरुण एन.एम ने कहा कि केरल में ऑक्सिजन की कमी, वेंटिलेटर, वैक्सीनेशन की कमी से मौत पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया है।
फाइल फोटो