तृणमूल कांग्रेस (TMC) के छह सांसद बुधवार को सभी मर्यादाएं लांघ गए। राज्यसभा में अशोभनीय व्यवहार के कारण इन्हें एक दिन के लिए निलंबित क्या किया गया कि इन्होंने आसमान सिर पर उठा लिया। निलंबन के बाद इन सदस्यों ने उच्च सदन की लॉबी में विरोध प्रदर्शन किया। इससे एक गेट का शीशा टूट गया और एक महिला सुरक्षा अधिकारी को चोट आई। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
क्या थी पूरी कहानी?
सूत्रों ने बताया कि बुधवार को जब सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया तो निलंबित सदस्यों ने कथित रूप से जबरदस्ती राज्यसभा के सदन कक्ष में प्रवेश करने का प्रयास किया। इसी दौरान सांसद अर्पिता घोष ने लॉबी के गेट के शीशे को कथित तौर पर तोड़ दिया। इससे सुरक्षा अधिकारी को चोट लग गई। इस समूची घटना के बारे में रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसे राज्यसभा के महासचिव को सौपा जाएगा।
इससे पहले राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने पेगासस जासूसी मुद्दे पर तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के छह सांसदों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया था।
सुबह शून्यकाल में तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आ गए थे और पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। वे इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे थे।
नायडू ने जताई आपत्ति
नायडू ने सदन में तख्तियां दिखाने पर आपत्ति जताई और आसन की अवज्ञा कर हंगामा करने वाले सदस्यों से नियम 255 के तहत सदन से बाहर जाने को कहा। उन्होंने खुद किसी का नाम नहीं लिया और राज्यसभा सचिवालय से इन सदस्यों के नाम देने को कहा।
बाद में एक संसदीय बुलेटिन में बताया गया कि जिन छह सदस्यों को पूरे दिन के लिए निलंबित किया गया है, उनमें तृणमूल की डोला सेन, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांता छेत्री, अर्पिता घोष और मौसम नूर शामिल हैं।
बुलेटिन में कहा गया, ‘राज्यसभा के ये सदस्य तख्तियां लेकर आसन के समक्ष आ गए, आसन की आज्ञा का पालन नहीं किया और आज सुबह उनका आचरण पूरी तरह से अनुचित था। सभापति ने उन्हें नियम 255 के तहत सदन से बाहर निकल जाने के लिए कहा था।’
इसमें कहा गया कि ये छह सदस्य दिन की शेष बैठक में भाग नहीं लेंगे। नियम 255 के तहत नाम लिए जाने पर सदस्यों को पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया जाता है।