केरल में एक बार फिर से कोविड मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इसे देखते हुए महामारी विशेषज्ञों और हेल्थ एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि यह कोरोना महामारी की तीसरी लहर की शुरुआत हो सकती है। हालांकि, राज्य के अधिकारियों ने औपचारिक तौर पर तीसरी लहर का ऐलान नहीं किया है।
जून के चौथे सप्ताह में हर रोज केरल में 12 से 14 हजार कोविड मरीज आ रहे थे। उसकी तुलना में जुलाई के पिछले सप्ताह में प्रतिदिन 20 से 22 हजार मरीज दर्ज किए गए। पिछले छह दिनों में टेस्टिंग पॉजिटिविटी रेट 12 पर्सेंट से ऊपर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रटरी लव अग्रवाल ने भी मंगलवार को कहा कि देश में 44 ऐसे जिले हैं जिनमें 10 पर्सेंट से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है। ये जिले केरल, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड में हैं।
तीसरी लहर की शुरूआत के संकेत
महामारी विशेषज्ञ और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ रमन कुट्टी का कहना है, ‘रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी इस बात का संकेत हो सकता है कि यह तीसरी लहर की शुरूआत हो सकती है, इसलिए अभी सावधान रहने की जरूरत है। राज्य में ऐसे लोगों की संख्या अभी बहुत अधिक है जिनके कोरोना ग्रस्त होने की आशंका ज्यादा है। इसलिए सरकार को नई कोविड लहर से निपटने के लिए दूरगामी रणनीति बनाने की जरूरत है।
इस समय केरल में देश के कुल कोरोना मामलों के 51 पर्सेंट मामले हैं। राज्य का सात दिनों का औसत 0.60 पर्सेंट है जबकि पूरे देश का यह 0.13 पर्सेंट है।
‘केरल में कई लहरें आनी बाकी’
डॉ ए सुकुमारन का कहना है, ‘यह एक आम सिद्धांत है कि जब जनसंख्या में रोगों के प्रति संवेदनशील लोगों की संख्या ज्यादा हो तो कोई भी वायरल इन्फेक्शन कई लहर में आता है। केरल में कोरोना के मामले कम होने से पहले अभी कई लहर आनी बाकी हैं।’ सुकुमारन केरल के पूर्व महामारी विशेषज्ञ हैं। वे रिटायर हो चुके हैं लेकिन वायनाड के कंट्रोल रूम में काम करने के लिए वापस लौटे हैं।’
वह कहते हैं कि स्पैनिश फ्लू की भी चार लहरें आईं थीं लेकिन कोरोना के मामले में ये और ज्यादा आ सकती हैं क्योंकि अभी भी वायरल में बदलाव हो रहे हैं।
‘केरल में कोरोना औरों से अलग’
आईएमए की रिसर्च सेल के वाइस चेयरमैन डॉ राजीव जयदेवन कहते हैं, ‘शुरू से ही केरल में कोरोना देश के दूसरे हिस्सों से अलग तरह से फैला हे। छोटे देशों की तुलना में बड़े देशों में रोग की लहरें एक समान नहीं फैलतीं हैं। ये जनसंख्या घनत्व, भूगोल, सामाजिक आर्थिक हालात, शिक्षा जैसे बहुत सारे कारकों पर निर्भर करती हैं।’
वैक्सीनेशन से उम्मीदें हैं
वह उम्मीद जताते हैं कि वैक्सीनेशन बढ़ने पर हम भले ही वायरस को पूरी तरह से खत्म न कर पाएं लेकिन इसके जरिए भविष्य में होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। केरल में अभी महज 17 पर्सेंट जनसंख्या को ही पूरी तरह से टीका लगा है। अभी 50 पर्सेंट से ज्यादा जनसंख्या कोरोना का आसान शिकार है।
स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने स्वीकार किया है कि अभी राज्य कोरोना की दूसरी लहर से उबर नहीं पाया है लेकिन उसे तीसरी लहर से निपटने की तैयारी अभी से करनी होगी। उन्होंने कहा, ‘तीसरी लहर में अस्पतालों में और ज्यादा मरीज आएंगे। इसे भांपते हुए सरकार अस्पतालों की सुविधाएं बढ़ा रही है। अस्पतालों में और ऑक्सिजन यूनिट लगा रही है।’
Kerala Covid news: केरल में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा… एक्सपर्ट ने जारी किया अलर्ट