वकीलों की मौत पर मुआवजा की मांगसुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि कोविड के कारण वकीलों की काफी मौत हुई है और उनकी आमदनी का और कोई जरिया भी नहीं है। 60 साल तक के जो भी वकील मरें हैं उनके परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का निर्देश जारी होना चाहिए। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ये पीआईएल बोगस है। आप काले कोट में हैं इसका मतलब ये नहीं है कि आपकी जिंदगी ज्यादा कीमती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये नहीं हो सकता कि वकील मुआवजे की मांग करें और हम इसकी इजाजत दें। कोविड में बहुत सारे लोग मरे हैं और आप अपवाद नहीं हो सकते।
याची पर लगाया गया हर्जानाजस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम आप (याची) पर हर्जाना लगाएंगे। आपकी अर्जी में एक भी ग्राउंड ऐसा नहीं है जो औचित्यपूर्ण है। यह अर्जी कॉपी पेस्ट है और ऐसा नहीं कि हम नहीं पढते। बोगस पीआईएल पर लगाम लगाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने याची वकील से कहा कि आप काले कोट में हैं इसका मतलब ये नहीं है कि आपनी जिंदगी ज्यादा महत्वपूर्ण है। क्या समाज में बाकी लोंगों की जिंदगी महत्वपूर्ण नहीं है? सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अर्जी खारिज कर दी और 10 हजार रुपये का हर्जाना लगाया।