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नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमें वकीलों के बोगस पीआईएल पर लगाम लगाना होगा। अदालत ने कहा कि अगर आप कॉपी पेस्ट करेंगे तो तो ऐसा नहीं है कि हम उसे पढ़ते नहीं हैं। अदालत ने याचिकाकर्ता को चेताते हुए कहा कि एक भी ग्राउंड औचित्यपूर्ण नहीं है और हम ऐसे में आप पर हर्जाना लगाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये पब्लिसिटी इंट्रेस्ट लिटिगेशन है और अर्जी खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपये का हर्जाना लगाया। याची ने कहा था कि जो वकील कोविड के कारण चल बसे उनके परिजनों को मुआवजा दिया जाए।

वकीलों की मौत पर मुआवजा की मांगसुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि कोविड के कारण वकीलों की काफी मौत हुई है और उनकी आमदनी का और कोई जरिया भी नहीं है। 60 साल तक के जो भी वकील मरें हैं उनके परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का निर्देश जारी होना चाहिए। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ये पीआईएल बोगस है। आप काले कोट में हैं इसका मतलब ये नहीं है कि आपकी जिंदगी ज्यादा कीमती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये नहीं हो सकता कि वकील मुआवजे की मांग करें और हम इसकी इजाजत दें। कोविड में बहुत सारे लोग मरे हैं और आप अपवाद नहीं हो सकते।

याची पर लगाया गया हर्जानाजस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम आप (याची) पर हर्जाना लगाएंगे। आपकी अर्जी में एक भी ग्राउंड ऐसा नहीं है जो औचित्यपूर्ण है। यह अर्जी कॉपी पेस्ट है और ऐसा नहीं कि हम नहीं पढते। बोगस पीआईएल पर लगाम लगाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने याची वकील से कहा कि आप काले कोट में हैं इसका मतलब ये नहीं है कि आपनी जिंदगी ज्यादा महत्वपूर्ण है। क्या समाज में बाकी लोंगों की जिंदगी महत्वपूर्ण नहीं है? सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अर्जी खारिज कर दी और 10 हजार रुपये का हर्जाना लगाया।



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By admin

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